Gita Updesh : श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जिसमें धर्म, कर्म और ज्ञान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है। इसमें जीवन के सभी पहलुओं पर गहन विचार किया गया है। दरअसल, महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि कर्म करना मनुष्य का धर्म है। उन्होंने सिखाया कि हमें अपने कर्मों को बिना किसी फल की अपेक्षा के करना चाहिए क्योंकि अर्जुन अपनों को लड़ाई के लिए तैयार देख काफी ज्यादा दुखी थे। युद्ध के मैदान में अर्जुन अपने कर्तव्य और धर्म के बीच उलझन में पड़ गए थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें ज्ञान दिया और उनकी दुविधाओं को दूर किया। साथ ही माधव ने विश्व रूप प्रकट करके अर्जुन को यह दिखाया कि वे ही सृष्टि के कर्ता, धर्ता हैं। सब कुछ उन्हीं से उत्पन्न होता है और उन्हीं में विलीन हो जाता है। जिसके बाद युद्ध आरंभ हुआ और 18 दिन बाद इसमें पांडवों की जीत हुई, जिससे अखंड भारत का निर्माण हुआ। हालांकि, इस युद्ध में बहुत बड़े-बड़े योद्धा वीर गति को प्राप्त हुए थे। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में बताई गई कुछ बातों को बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…
पढ़ें Gita Updesh
- गीता उपदेश के अनुसार, बिना कुंडली मिलाए आजीवन चलने वाला अद्धभुत संबंध केवल मित्रता हैं। जिसका उदाहरण तो लोग स्वयं भगवान श्री कृष्ण और सुदामा को मानते हैं। गीता उपदेशों के अनुसार, मित्रता को सबसे बड़ा संबंध माना गया है। मित्रता में न तो कोई स्वार्थ होता है और न ही किसी प्रकार की अपेक्षाएं होती है। यह रिश्ता बिना किसी शर्त और बिना कुंडली मिलाए भी आजीवन चलता है।
- सच्चा मित्र वही है जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए अपने मित्र का साथ देता है और उसके सुख-दुख में साथ खड़ा रहता है। सच्चे मित्रों हर समय आपके साथ विश्वासपूर्वक रहते हैं, चाहे समय अच्छा हो या बुरा। सर्दी हो या गर्मी, दिन हो रात, एक आवाज पर आपकी मदद के लिए तैयार रहने वाला दोस्त ही किसी भी मनुष्य के जीवन का एकमात्र कीमती तोहफा होता है। सच्चे मित्र अपने स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि आपके हित में सोचते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)