Gita Updesh: गीता उपदेश के अनुसार खुश होने के होते हैं ये 5 नियम, जानें यहां

इस ग्रंथ में कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग के बारे में संपूर्ण शिक्षा मिलती है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको खुश होने के पांच नियम बताएंगे।

Sanjucta Pandit
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Gita Updesh : बच्चों को बचपन से ही श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ पढ़ाया जाता है जोकि सनातन धर्म में महत्वपूर्ण ग्रंथ माना गया है। इसमें मोक्ष की प्राप्ति के बहुत से मार्ग बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने वाला हर एक व्यक्ति अच्छा और सच्चा इंसान बनता है। दरअसल, यह ग्रंथ भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद का विस्तृत वर्णन है। इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक है, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था लेकिन लोगों की सुविधाओं को देखते हुए अब इसे बहुत सी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। बता दें कि कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन अपनों के खिलाफ शस्त्र उठाने में संकोच कर रहे थे। तब उन्होंने कृष्ण को मन में चल रही दुविधाएं बताई, जिसे खत्म करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें गीता उपदेश दिया था। जिसमें उन्होंने जीवन के पूरे रहस्यों को बताया और विश्व रूप को प्रकट कर उनकी दुविधाओं को खत्म किया। अंत में पांडवों को कौरवों पर जीत हासिल हुई थी। इस ग्रंथ में कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग के बारे में संपूर्ण शिक्षा मिलती है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको खुश होने के पांच नियम बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

Gita Updesh: गीता उपदेश के अनुसार खुश होने के होते हैं ये 5 नियम, जानें यहां

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।