Gita Updesh: भगवान श्री कृष्ण की ये 5 बातें हमेशा रखें याद, खुशहाली से भरा रहेगा जीवन

अर्जुन की सभी शंकाओं को दूर करने के लिए श्री कृष्ण ने अपना विश्व रूप प्रकट किया। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में बताई गई बातें बताएं। आइए जानते हैं विस्तार से...

Sanjucta Pandit
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Gita Updesh : हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक श्रीमद्भगवद्गीता भी है, जोकि भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुए संवाद का विस्तृत वर्णन है। बता दें कि महाभारत के युद्ध के पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। दरअसल, अर्जुन अपने ही परिजनों, गुरुजनों और मित्रों के खिलाफ युद्ध करने के विचार से दुखी और भ्रमित थे। तब उन्होंने माधव से मार्गदर्शन मांगा। अर्जुन की सभी शंकाओं को दूर करने के लिए श्री कृष्ण ने अपना विश्व रूप प्रकट किया। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको गीता उपदेश में बताई गई बातें बताएं। आइए जानते हैं विस्तार से…

Gita Updesh: भगवान श्री कृष्ण की ये 5 बातें हमेशा रखें याद, खुशहाली से भरा रहेगा जीवन

इन 5 बातों को रखें याद

  • गीता उपदेश के अनुसार, इंसान को हमेशा क्रोध और अहंकार से बचना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया है कि क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। क्रोध से बुद्धि का नाश होता है और बुद्धि के नाश होने पर व्यक्ति अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन नहीं कर पाता। क्रोध से इंसान अपना आत्म-नियंत्रण खो जाता है, जिससे वह अपना नुकसान कर बैठता है।
  • गीता उपदेश के अनुसार, जीवन में लिए गए निर्णय और किए गए कर्म ही हमारे भविष्य को आकार देते हैं। माधव ने अर्जुन को बताया कि जीवन में सही समय पर सही निर्णय लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्योंकि एक मिनट में जिंदगी नही बदलती, लेकिन एक मिनट में सोचकर लिया गया फैसला पूरा जिंदगी ही बदल देती है।
  • गीता उपदेश के अनुसार, बच्चे के उपहार न देने से कुछ देर रोएगा लेकिन संस्कार न देने से आजीवन रोएगा। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। बच्चों को यह सिखाना कि जीवन में अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए, उनके जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए आवश्यक है।
  • गीता उपदेश के अनुसार, भगवान नहीं हमारा सोच, हमारा व्यवहार और हमारा कर्म ही हमारा भाग्य लिखता है। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को यह समझाया कि व्यक्ति का कर्म ही उसका भाग्य निर्धारित करता है।
  • गीता उपदेश के अनुसार, पिता के द्वारा डाटा हुआ पुत्र, गुरु के द्वारा डाटा हुआ शिष्य और सोनार द्वारा पीटा गया सोना हमेशा आभूषण ही बनते है। सोना जब तक उसे ठीक से पिघलाया और पीटा नहीं जाता, वह सुंदर आभूषण में नहीं बदलता।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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