Rahu Gochar : मीन राशि राशि चक्र की अंतिम राशि है। मीन राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति होते हैं, जोकि ज्ञान, विद्या और धर्म के प्रतीक माने जाते हैं। इसके साथ ही, इस राशि का आराध्य देवता भगवान विष्णु हैं, जोकि सृष्टि के पालनहार माने जाते हैं और उन्हें सबसे ऊँचा माना जाता है। इन दोनों के आशीर्वाद से मीन राशि के जातक अपने जीवन में सुखी और संपन्न रहते हैं। ज्योतिष दृष्टिकोण से साढ़े साती और राहु की स्थिति मीन राशि के जातकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। बता दें कि साढ़े साती का प्रथम चरण व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक परिवर्तनों के लिए तैयार करता है, जबकि राहु की स्थिति व्यक्ति के ध्यान और स्थिरता में चुनौती पैदा करती है।
राहु और केतु मायावी ग्रह हैं और उनके गोचर से जातक के जीवन में बदलाव आ सकते हैं। मीन राशि में शुक्र देव उच्च स्थिति में होते हैं, जोकि विवाह, सम्बन्धों में मधुरता और कला में रुचि के क्षेत्र में शुभ फल देते हैं। देवगुरु बृहस्पति भी मीन राशि के जातकों पर अपनी कृपा बरसाते हैं, जिससे उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में सोचने की अधिक क्षमता मिलती है, लेकिन राहु के गोचर के कारण मीन राशि के जातक को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कब होगा राहु का गोचर
ज्योतिषियों के अनुसार, राहु का गोचर 17 मई, 2025 तक मीन राशि में रहेगा और इसके अगले दिन यानी 18 मई को संध्याकाल 07 बजकर 35 मिनट पर मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
करें ये उपाय
- गुरुवार के दिन पीले वस्त्र, चने की दाल, बेसन, लड्डू आदि का दान करें। इससे गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और राहु के प्रभाव कम होते हैं।
- मीन राशि की लड़कियां गुरुवार का व्रत अवश्य करें। इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है और राहु तथा शनि के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
- स्नान-ध्यान के बाद भगवान विष्णु का हल्दी मिश्रित जल से अभिषेक करें। इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है और राहु का प्रभाव कम होता है।
- विष्णु चालीसा का रोजाना पाठ करने से राहु और केतु के कुप्रभाव कम हो जाते हैं। इससे मन को शांति मिलती है।
- रोज स्नान के बाद दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और मनचाहा वरदान मिलता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)