Ratna Shastra: ज्योतिष एक ऐसी विद्या है जिसमें व्यक्ति के जीवन और भविष्य के बारे में ग्रह नक्षत्र की चाल के अनुरूप सब कुछ पता लगाया जा सकता है। व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियों का इसमें समाधान भी दिया हुआ है। रत्न शास्त्र ज्योतिष का एक ऐसा ही हिस्सा है जो कुछ ऐसे रत्नों का उल्लेख देता है। जिन्हें अगर व्यक्ति राशि के मुताबिक धारण करें तो उसकी सारी परेशानियों का निवारण हो जाता है।
रत्न शास्त्र में कुछ ऐसे रत्न का उल्लेख भी दिया गया है जिन्हें पहनने के बाद व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है और उसकी धन संपत्ति में इजाफा होने लगता है। अगर आप नए साल में अपने ग्रहों की स्थिति को सुधारने के लिए किसी रत्न को धारण करने के बारे में सोच रहे हैं। तो हम आपको कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताते हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए।
पक्ष का रखें ध्यान
अगर आप नए साल में किसी रत्न में को धारण करने जा रहे हैं और चाहते हैं कि आपके ग्रहों की स्थिति मजबूत बने ताकि आपका जीवन सुखी हो सके तो आपको शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष का ध्यान रखते हुए रत्न को धारण करना चाहिए। इतना ध्यान रखें कि किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष में रत्न धारण करना चाहिए। कृष्ण पक्ष में रत्न धारण करना शुभ नहीं होता।
ये तिथि नहीं है शुभ
रत्न शास्त्र में रत्नों को धारण करने के लिए जो नियम दिए गए हैं। उसके मुताबिक कुछ ऐसी तिथियां भी है जब रत्न धारण नहीं करनी चाहिए। किसी भी महीने की 4, 9 और 14 तारीख को रत्न धारण करना अशुभ होता है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- जब भी आप रत्न धारण करने जा रहे हो तो इतना ध्यान रखें कि आपको उसे अभिमंत्रित करके ही धारण करना है। बिना अभिमंत्रित किए रत्न धारण करना शुभ नहीं होता और इससे परिणाम भी नहीं मिलते।
- जिस भी दिन रत्न धारण करना हो उसे दिन सुबह जल्दी स्नान से निवृत होकर साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद भगवान के समक्ष बैठकर संबंधित रत्न के ग्रह मंत्र का जाप करें।
- कभी भी खंडित या टूटा फूटा रत्न धारण नहीं करना चाहिए। यह आपके जीवन में अशुभता का संकेत होता है।
- कई बार रत्न अपना रंग बदल लेते हैं। अगर आपके रत्न ने भी अपना रंग बदल लिया है तो इसे धारण करने से बचें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।