Vastu Tips: हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. बहुत लोगों को यह ग़लतफ़हमी रहती है कि वास्तुशास्त्र का महत्व सिर्फ़ घर के निर्माण के दौरान ही है. लेकिन ऐसा नहीं है वास्तुशास्त्र में ना सिर्फ़ घरों के निर्माण को लेकर बल्कि घर में केस वस्तुओं को किस दिशा में रखना चाहिए तक का वर्णन विस्तार से किया है.
साथ में घर की खिड़की और दरवाज़ों को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं. आज हम ख़ासतौर पर खिड़की से जुड़े नियमों के बारे में जानेंगे. चलिए इस आर्टिकल के ज़रिए समझते हैं कि किस तरह की खिड़की का घर में होना शुभ होता है और किस तरह की खिड़की का घर में होना अशुभ होता है.
इस दिशा में नहीं होनी चाहिए खिड़की
वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में बनी खिड़की शुभ नहीं मानी जाती हैं. कैसे दिशा को यम की दिशा माना जाता है जो नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है. मानसिक शांति बनाए रखने और रोगों से बचने के लिए इसे दिशा में बनी हुई खिड़कियों का इस्तेमाल कम से कम करें. खिड़की को पर्दों की मदद से ढके या उसके पास पौधे लगाएं.
विंड चाइम्स लगाना बहुत शुभ
अगर आपके घर में बनी खिड़की पश्चिमी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर खुलती है तो वहाँ विंड चाइम्स लगाना बहुत शुभ माना जाता है. यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है, बल्कि संपन्नता और बेहतर सामाजिक जीवन में भी सहायक होता है.
डाइनिंग रूम में नहीं होनी चाहिए ज़्यादा खिड़कियाँ
डाइनिंग रूम में ज़्यादा खिड़कियाँ नहीं होना चाहिए. अगर इस रुम में ज़्यादा खिड़कियां होती है तो ये पारिवारिक वातावरण में अशांति और मनमुटाव को बढ़ाती है. इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि डाइनिंग रूम की खिड़कियों को जितना हो सके बंद रखें.
स्लाइडिंग खिड़कियों के आस पास रखें ये चीज़
अगर आपके घर में स्लाइडिंग खिड़कियाँ है, तो उनका आधा हिस्सा हमेशा ढककर रखना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश से रोका जा सकता है. इसके साथ ही खिड़की के पास विंड चाइम लगाना भी बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है. यह न सिर्फ़ यह सकारात्मक उर्जा को आकर्षित करता है बल्कि घर में सुख-शांति का माहौल ही उत्पन्न करता है.
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।