Vastu Tips: घर में किस दिशा में टॉयलेट होने से रुकती है तरक्की? जानें

Vastu Tips: घर में टॉयलेट की दिशा का वास्तु पर बड़ा प्रभाव होता है। यदि टॉयलेट गलत दिशा में बना हो, तो यह सदस्यों की करियर तरक्की में बाधा डाल सकता है।

Vastu Tips

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में कई नियम बताए गए हैं। ज्यादातर लोग घर के निर्माण के दौरान वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखते हैं। वहीं कुछ लोग घर में हर एक वस्तु को वास्तु शास्त्र की बताई गई दिशा पर ही रखते हैं। वास्तु शास्त्र में बताए गए नियमों का पालन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज हम खासतौर पर घर के टॉयलेट के बारे में जानेंगे।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टॉयलेट की दिशा का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गलत दिशा में बना हुआ टॉयलेट न केवल व्यक्ति के करियर और बच्चों की पढ़ाई पर बल्कि पारिवारिक रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है। चलिए इस आर्टिकल में समझते हैं कि घर में टॉयलेट किस दिशा में होना चाहिए।

किस दिशा में होनी चाहिए टॉयलेट

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के निर्माण में दिशा का विशेष महत्व होता है। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा को विसर्जन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

यही कारण है कि घर में टॉयलेट को दक्षिण दिशा में बनवाना चाहिए। इस दिशा में टॉयलेट बनाने से न केवल घर की ऊर्जा संतुलित रहती है बल्कि यह स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी लाभकारी मानी जाती है।

किस दिशा में होनी चाहिए टॉयलेट सीट

वास्तु शास्त्र के अनुसार टॉयलेट सीट की दिशा का भी विशेष महत्व है। जब आप टॉयलेट सीट पर बैठे तो आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।

ऐसा करने से घर में समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है सही दिशा में बैठने से मानसिक शांति भी प्राप्त होती है जो परिवार के सदस्यों के लिए एक सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद करती है।

इन दिशा में नहीं होनी चाहिए टॉयलेट

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर दिशा में टॉयलेट का निर्माण नहीं करना चाहिए। इस दिशा में टॉयलेट का निर्माण करने से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। यह माना जाता है कि ऐसा करने से घर के सदस्यों को रोजगार में बाधाएं आती है, जिससे उनकी आय में बार-बार रुकावट आती है।

मेहनत करने के बावजूद करियर में प्रगति करने में कठिनाई होती है। इसके अलावा यदि टॉयलेट उत्तर-पूर्व दिशा में है तो यह परिवार के सदस्यों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकती है। जिससे उन्हें बार-बार बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

 


About Author
भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News