Tulsi Plant Care: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है सुबह स्नान के बाद सभी लोग तुलसी को जल अर्पित करते हैं। तुलसी के पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है इसके अलावा तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है। तुलसी का न सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि इसके कई वैज्ञानिक महत्व भी है। तुलसी का पौधा आयुर्वेद में अधिक शक्तिशाली एंटी-वायरल, जुड़ी बूटियों में से एक माना जाता है।
घर में तुलसी के पौधे को रखने से खुशहाली आती है। तुलसी के पौधे का हमें खास ख्याल रखना चाहिए। जैसे-जैसे मौसम बदलता है वैसे-वैसे तुलसी की देखभाल करने का तरीका भी बदल जाता है। अब जैसे सर्दियों का मौसम चल रहा है ऐसे में कड़कड़ाती ठंड और, हवा में नमी के कारण तुलसी का पौधा सूख जाता है मुरझाने लगता है। ऐसे में हमें इस मौसम में तुलसी के पौधे को हरा-भरा रखने के लिए कुछ उपायों को अपनाना चाहिए। इसी के साथ आज हम आपको बताएंगे कि सर्दियों के मौसम में तुलसी के पौधे की देखभाल कैसे की जाती है, तो चलिए जानते हैं।
सर्दियों में कैसे करें तुलसी के पौधे की देखभाल
कम पानी दें
सर्दियों में तुलसी को कम पानी की आवश्यकता होती है। पहले मिट्टी को सूखने दें उसके बाद ही पानी दें।पानी देते समय ध्यान रखें कि मिट्टी गीली न हो जाए।सुबह के समय पानी देना बेहतर होता है।
धूप में रखें पौधा
सर्दियों के मौसम में ठंडी ठंडी हवाएं चलती हैं जिस वजह से तुलसी को अच्छी तरह से धूप नहीं लग पाती है। ऐसे में तुलसी को सूरज की रोशनी की आवश्यकता होती है। पौधे को दिन में कम से कम 6 घंटे धूप में रखें। यदि आप घर के अंदर तुलसी रख रहे हैं, तो उसे खिड़की के पास रखें।
तापमान का रखें ध्यान
तुलसी ठंडे तापमान को सहन नहीं कर सकती है। पौधे को ठंडी हवाओं और पाले से बचाएं। यदि आप घर के अंदर तुलसी रख रहे हैं, तो उसे गर्म स्थान पर रखें।
नेचुरल खाद डालें
सर्दियों में तुलसी को खाद देने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आप चाहें, तो आप मिट्टी में थोड़ी मात्रा में गोबर की खाद डाल सकते हैं।
कीट संक्रमण से कैसे बचाएं
सर्दियों में तुलसी पर कीटों का हमला हो सकता है।
यदि आप पौधे पर कीटों को देखते हैं, तो उन्हें तुरंत हटा दें। आप नीम के तेल का उपयोग कीटों से बचाव के लिए भी कर सकते हैं।
इन टिप्स का पालन करके आप अपने तुलसी के पौधे को सर्दियों में भी हरा-भरा रख सकते हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न धार्मिक स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों के आधार पर लिखा गया है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)