अलीराजपुर, यतेंद्रसिंह सोलंकी। जिले की शान और प्रमुख धरोहर विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ लक्ष्मणी स्थित जैन मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए शनिवार को विधि विधान से शिलाएं स्थापित की गई। तीर्थ क्षेत्र भगवान पद्मप्रभु के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। श्रावकों में सुबह से ही उत्साह छाया हुआ था। जैसे ही मंदिर जीर्णोद्धार के लिए लाभार्थी परिवारों के सदस्यों ने शिलाएं स्थापित की, वैसे ही ढोल नगाडों की धुन पर श्रावक श्राविकाएं जमकर थिरके।
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मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होने पर बच्चे से लेकर बुजुर्गो तक विशेष उत्साह दिखाई दिया। प्रात: सवा छह बजे मंदिर में स्नान पूजा हुई। पश्चात शिलान्यास के लिए विधि प्रारंभ की गई और शुभ मुहुर्त में निर्माण स्थल पर पर शिलान्यास कर शिलाएं रखी गई। गौरतलब है कि श्री पद्मप्रभु कल्याण जी जैन श्वेताम्बर चेरिटेबल ट्रस्ट मंडल की स्वीकृति के बाद राजेन्द्र जयानंद सम्यग योग ट्रस्ट मुंबई द्वारा मंदिर निर्माण, तीर्थ सौंदर्यीकरण व कार्यालय निर्माण का कार्य किया जा रहा है। ट्रस्ट मंडल अध्यक्ष प्रकाशचंद्र जैन ने बताया कि लक्ष्मणी तीर्थ की प्रतिमा हजारों वर्ष पुरानी है। हम सबको भव्य मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान देना है। सारी व्यवस्था सुदृढ़ करना होगी। हमारे आचार्य जयन्त सेन सुरिश्वजी मसा और आचार्य ऋषभचंद्र विजय जी मसा की आत्मा को शांति मिलेगी।
राजेन्द्र जयानंद सम्यक योग ट्रस्ट के धनजी भाई और अन्य सदस्यों की उपस्थिति में मंदिर जीर्णोद्धार का कार्य जैन श्री संघ, ग्रामीणजनों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से होगा। तीर्थ को सुंदर रूप देने का संकल्प समाजजनों ने लिया। जैन श्री संघ आलीराजपुर अध्यक्ष मनीष जैन बधाई देते हुए कहा कि तीर्थ के विकास में श्री संघ द्वारा पूरा सहयोग दिया जाएगा। मुख्य शिला के लाभार्थी श्री राजेश जैन वडोदरा ने परिवार के साथ मुख्य शिला स्थापित की गई। कार्यक्रम में समाज के सभी सदस्य मौजूद थे।