World Chess Day 2023 : आज पूरे विश्वभर में शतरंज दिवस मनाया जा रहा है। बता दें कि शतरंज को रणनीति खेल माना जाता है। जिसमें लोग अपने बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं। जिसे पूरी दुनिया में खेला जाता है। इस खेल को खेलने में खेलाड़ियों को अपने दिमाग का उपयोग करना पड़ता है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है। चेस खेलने से हमारे दिमाग की सोच क्षमता बढ़ती है। इससे हम खुद धैर्य रखना सीखते हैं। इसके अलावा, इस गेम को खेलने से स्ट्रेस दूर होता है। जिससे मन शांत होता है। यह एक प्रकार का व्यायम भी होता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इसका इतिहास और महत्व बताएंगे…
इतिहास
शतरंज का इतिहास सबसे प्राचीन खेलों में से एक है। जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। बता दें कि चेस को पहले “चतुरंगा” के नाम से जाना जाता था क्योंकि इसमें चार प्रमुख खिलाड़ी होते हैं- राजा, मंत्री, हाथी और सिपाही। जिसे यूनाइटेड नेशंस (UN) ने साल 1988 में हर साल 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस के रुप में मनाने की मान्यता दे दी। दरअसल, 20 जुलाई 1924 में पेरिस में इंटरनेशनल चेस फेडरेशन की स्थापना हुई थी। इसलिए, इसी दिन को शतरंज दिवस के रूप चुना गया।
वहीं, साल 1851 को शतरंज का टूर्नामेंट लंदन के “क्रिस्टल पैलेस” नामक स्थान पर आयोजित किया गया था जो कि आधुनिक शतरंज का पहला आंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था, जिसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान एडोल्फ एंडरसन टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर विजेता रहे थे जो कि जर्मन के बेहतरीन शतरंज खिलाड़ी थे।
महत्व
इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य है लोगों को इस खेल के प्रति जागरुक करना। वैसे तो यह दो खिलाड़ियों के बीच खेले जाने वाला खेल है। जिससे बौधिक क्षमता का विकास होता है। इस दिन खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों, टूर्नामेंटों और राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा की जाती है। यह खेल न केवल मनोरंजन का मजेदार साधन है बल्कि इससे आपकी बुद्धि का भी विकास होता है।