Automatic Candle Extinguisher : आज के समय अगर हमारे यहां लाइट चली जाती है तो फट से इनवर्टर या जेनरेटल शुरु हो जाता है। जिनके यहां ये सुविधा नहीं है, वे भी इमरजेंसी लाइट जला लेते हैं। और कुछ न हो तो फिर टॉर्च और मोबाइल की लाइट तो है ही। लेकिन आज से कई दशक पहले जब ये साधन नहीं थे तो आग ही रोशनी का प्रमुख जरिया थी। और आग को कभी लालटेन, दीया या फिर मोमबत्ती में जलाकर प्रकाश किया जाता था।
मोमबत्ती बुझाने वाला यंत्र
अब रोशनी करने का तरीका तो ढूंढ लिया, लेकिन रोशनी बुझाना हो तो क्या ? जाहिर सी बात है सामान्यतया तो ये काम मुंह से फूंककर ही किया जाता था। लेकिन आज हम आपके लिए लेकर आए हैं मोमबत्ती बुझाने वाला एक यंत्र। जी हां..ये इतना सुंदर और कमाल का है जिसे देखकर आप भी उस समय की तकनीक का लोहा मान जाएंगे। आखिर इसीलिए तो कहा गया है कि आवश्यकता अविष्कार की जननी है।