Motivational Video : अपने हाथ और मन खोलिये, इन हाथों से नेकी बांटिये

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ‘हाथ बढ़ाना’ ये कहावत हम सभी ने सुनी है। इस छोटी सी बात के बड़े मायने हैं। जब हम हाथ बढ़ाते हैं तो दरअसल ये सिर्फ हाथ बढ़ाना ही नहीं होता, ये हमारे दिल का खुलना भी होता है। किसी की छोटी सी मदद भी उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान ला सकती है। बादफा हम भागदौड़ या अपने स्वभाव के कारण मदद करने की ये भावना भूलते जाते हैं। ये बात याद रखने के लिए ही हमें कई बार अच्छी किताबें और वीडियो से गुजरना चाहिए।

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आज हम आपको एक ऐसा ही एनिमेटेड वीडियो दिखाने जा रहे हैं। इसमें ‘पॉकेट से हाथ बाहर निकालो’ इस वाक्य के माध्यम से बड़ी सीख दी गई है। एक शख्स है जो हर जगह अपने हाथ जेब में रखे हुए है। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं उमड़ता जब एक लड़की लिफ्ट की ओर दौड़ती आती है या एक बच्ची का गुब्बारा उड़ जाता है। वो अपने हाथ बांधे खड़ा रहता है। यहां अगर वो थोड़ी सी कोशिश करता और सिर्फ अपने एक हाथ का उपयोग कर लेता तो कई लोगों की मदद हो जाती।

इस बीच एक वृद्धा आती है और उस शख्स के बंधे हाथ पकड़ लेती है। युवक उसके साथ सड़क पार करता है और यकायक तेजी से आ रही एक गाड़ी को रोकने के लिए अपने हाथ पॉकेट से बाहर निकालता है। बस यही पल है जब उसे समझ आता है कि बंधे हाथ और मन कितनी खराब चीज है। इन्हें तो लोगों में खुशियां बांटने के लिए खुला होना चाहिए। न हम अपने हाथों को रोकें न ही मन को किसी की भी मदद करने से। वीडियो यहां तक आते आते हमें भी काफी कुछ सिखा जाता है। हम आज आपको इस वीडियो के माध्यम से यही बताना चाहते हैं कि इस संसार में हाथ बढ़ाकर हम कितनों की मदद कर सकते हैं। और हमारी मदद के लिए भी तो जाने कितने हाथ आगे आते हैं। इसलिए अपने हाथों से नेकी करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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