भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के बयान ” सुन लो रे माफियाओं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) छोड़ दो वरना दस फीट जमीन में गाड़ दूंगा” के बाद सियासी गलियारों हलचल तेज हो चली है। इस बयान की गूंज भोपाल(Bhopal) से दिल्ली (Delhi) तक सुनाई दे रही है। वही कांग्रेस ने भी शिवराज को आड़े हाथों लेना शुरु कर दिया है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने CM शिवराज को खुला चैलेंज दिया है।
दरअसल, दिग्विजय ने एक के बाद एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवाल दागे है। इतना ही नही दिग्विजय ने एक समाचार पत्र की दो अलग अलग खबरों को भी उठाया है और पूछा है कि मामू ज़रा आज दोनों खबरें देख लो। रेत माफिया(Sand Mafia) ने की किसान (Farmer) की हत्या। परिजन बोले भाजपा नेता उसमें शामिल। साहस है उन भाजपाई गुण्डों को १० फ़ीट गाड़ने का? वहीं भाजपा (BJP) किसान विरोधी क़ानून (Anti Farmer Law) का समर्थन कर रही है और भाजपा का किसान संघ क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं। इसे कहते दोगलापन।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट (Tweet) कर लिखा है कि शिवराज जी कहते हैं भू-माफिया,अवैध कब्जा करने वाले को 10 फुट जमीन में गाढ़ दूंगा। लालबर्रा बालाघाट (Balaghat) में तहसीलदार द्वारा सरकारी भवन को तोड़कर भूमाफियाओं को अवैध कालोनी बनाने शासकीय भूमि (Government Land) से सड़क दी जा रही है। शिकायत होने पर भी कुछ नहीं वाह शिवराज सिंह जी वाह!!अर्जुन आर्य DU का छात्र रहा है संस्कृत में PG है शिवराज के चुनाव क्षेत्र का किसान है जिसने ग़रीबों आदिवासियों (Tribals) की लड़ाई लड़ी है। उसे कई बार आंदोलन (Protest) करते हुए मामू ने जेल (Jail) भिजवाया पुलिस से पिटवाया पर इस बहादुर नौजवान वे अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया।
दिग्विजय ने आगे लिखा है कि १५ साल में कौन से भू माफिया के ख़िलाफ़ शिवराज उर्फ़ मामू ने कार्यवाही की? ज़रा बताएं तो। सारे भू माफिया को पनपाने का काम तो मामू आपने ही किया है। प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के कोलार क्षेत्र में शासकीय ज़मीनों पर कॉलोनी कट गईं और सभी आपके शिष्य हैं। सूचि चाहिए? मैं दे दूँगा। 1995 के बाद भोपाल का मास्टर प्लॉन आज तक क्यों नहीं बना? सैंकड़ों अवैध कॉलोनियों कट गईं, आपने आज तक किसी भी अवैध कॉलोनायज़र के ख़िलाफ़ कोई भी कार्यवाही की हो तो बताएं। यदि साहस है तो न्यायिक जॉंच आयोग का गठन करें मैं प्रमाण दूँगा। केवल ज़बानी जमा खर्च करने के आप आदी हैं।