भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में 1 अगस्त से 31 अगस्त तक ट्रांसफर (transfer) पर Ban हटाया गया था। इस दौरान ट्रांसफर में फर्जी नोटशीट मामले का मुद्दा गरमा गया था। दरअसल ट्रांसफर अवधि (tranfer period) के दौरान सांसद (MP) और विधायकों (MLA) के नाम पर फर्जी नोटशीट के खुलासे हुए थे। जिसके बाद शिवराज सरकार (shivraj government) ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच (crime branch) को सौंपी थी। वही ट्रांसफर (transfer) की फर्जी नोटशीट मामले में अबतक 7 लोगों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल सांसद और विधायक के फर्जी लेTranटर हेड पर शासकीय अधिकारी और कर्मचारी के ट्रांसफर की अनुशंसा मामले में दो और जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में कार्यवाहक इंस्पेक्टर करण सिंह और SI घनश्याम दांगी की टीम ने दोनों आरोपियों को शाजापुर से गिरफ्तार किया है। जानकारी की माने तो राजगढ़ सांसद रोडमल नागर के प्रतिनिधि रह चुके लाल सिंह राजपूत इस मामले के मुख्य आरोपी हैं। लाल सिंह राजपूत ने अपने दोस्त कमल प्रजापति की मदद से फर्जी कागजात तैयार करवाए थे। जिसके बाद शासकीय अधिकारी व कर्मचारी की अनुशंसा प्रति तैयार की गई थी।
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ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में ट्रांसफर अवधि के दौरान कई कर्मचारियों के तबादला की अनुशंसा प्रति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भेजी गई थी। साथ ही इन अनुशंसा प्रति पर सांसद और विधायकों के नाम अंकित है। हालांकि मुख्यमंत्री ऑफिस से इस खुलासे का भंडाफोड़ हुआ था। मामले में जिन विधायकों और सांसदों के नाम सामने आए थे। उनमें भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी सहित सिलवानी विधायक रामपाल सिंह के नाम शामिल थे। वही फर्जी नोटशीट मामले में सिलवानी विधायक रामपाल सिंह के नाम पर 27 अधिकारियों की तबादले के अनुशंसा पत्र सीएम कार्यालय भेजे गए थे।
वही क्राइम ब्रांच को जाँच के बाद तकनीकी जांच और ट्रांसफर की सिफारिश करवाने वाले सरकारी अधिकारी कर्मचारी के बाद पूछताछ में राजगढ़ सांसद रोडमल नागर के प्रतिनिधि रह चुके लाल सिंह राजपूत का नाम सामने आया था। जांच के बाद मुख्य आरोपी लाल सिंह राजपूत को हिरासत में लिया गया है। वहीं कंप्यूटर, प्रिंटर और कई मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
इधर फर्जी नोटशीट मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी प्रभारी मंत्रियों को जांच के बाद ही अनुशंसा प्रति पर हस्ताक्षर कर तबादला सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा फिलहाल तबादले पर रोक लगा दी गई है। क्राइम ब्रांच की जांच पूरी होने के बाद माना जा रहा है कि जल्द एक बार फिर से तबादले की नई तिथि जारी की जाएगी।