MP Politics: मिशन 2023 पर कांग्रेस का मास्टर प्लान, सह प्रभारियों को कार्यों का बंटवारा

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश उपचुनाव (Madhya Pradesh by-election) में करारी हार के सबक लेते हुए कांग्रेस (congress) नए स्तर से 2023 की तैयारी में जुट गई है। एक तरफ जहां पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर कार्रवाई की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने का भी कार्य कर रही है। इसके लिए कांग्रेस ने सह प्रभारियों को कार्यों का बंटवारा किया है।

दरअसल कांग्रेस ने संगठन को मजबूती देने के लिए सह प्रभारियों को काम का बंटवारा किया है। वहीं इन सह प्रभारियों को जिलों में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का कार्य सौंपा गया है। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक (Mukul Wasnik) ने पार्टी के प्रभारियों को काम का बंटवारा किया है। जिसमें सुधांशु त्रिपाठी (sudhansu tripathi) को भोपाल, शिवपुरी, गुना, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, रायसेन और अशोक नगर विधानसभा जोन की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके साथ ही सह प्रभारी सी पी मित्तल (CP Mittal) को बालाघाट, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, बैतूल, हरदा, देवास, शाजापुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा सह प्रभारी कुलदीप इंदौरा (Kuldeep Indora) को अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, धार, इंदौर, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा उज्जैन, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी और खंडवा की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि संजय कपूर (Sanjay kapoor) को टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, सतना, कटनी, पन्ना, दमोह, सागर, शहडोल, उमरिया, सिंगरोली, रीवा और सीधी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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इन सभी सह प्रभारियों को 2023 से पहले इन सभी क्षेत्रों में कांग्रेस के संगठन को मजबूत स्थिति में लाने का कार्य सौंपा गया है। इसके साथ ही अब एक बार फिर कांग्रेस नए स्तर से संगठनों की मजबूती में लगी हुई है। वही पार्टी में युवाओं को तरजीह देते हुए यूथ कार्ड की तरफ आगे बढ़ती नजर आ रही है। इसके अलावा कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव पर अपनी नजर डाली है। जहां वह भविष्य में अपनी गलती से कोई मौका नहीं गवाना चाहती।

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में जीत के बाद सत्ता पर काबिज हुई कमलनाथ सरकार मार्च 2020 में सत्ता पलट का शिकार हो गए। जिसके बाद उपचुनाव 2020 में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी। वहीं विपक्ष ने इस हार का ठीकरा पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) पर फोड़ा था। जिसके बाद से कमलनाथ ने एक्शन लेते हुए पार्टी शीर्ष स्तर पर चर्चाएं की थी।


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