भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) से बड़ी खबर मिल रही है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है।देर रात उन्हें तबियत बिगड़ने के बाद एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज सोमवार (Monday) दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली।वोरा के निधन की खबर लगते ही पार्टी में शोक लहर दौड़ गई है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा का निधन, कांग्रेस में शोक की लहर
खास बात ये है कि रविवार ही उन्होंने 93 जन्मदिन मनाया था। इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल (Ahmed patel) का निधन हो गया था।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख जताया है।
यह भी पढ़े… BJP नेता और पूर्व विधायक का निधन, पार्टी में शोक लहर, CM ने जताया दुख
वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को जोधपुर स्टेट (तब ब्रिटिश इंडिया के राजपुताना एजेंसी में और आज राजस्थान के नागौर में) के निंबी जोधा जोधपुर(Jodhpur) में हुआ था। वह पुष्करणा ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा रायपुर और कोलकाता (Raipur and Kolkata) में हुई। आगे उन्होंने कई सालों तक विभिन्न अखबारों में काम किया। शांति देवी से उनका विवाह हुआ, जबकि उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। एक बेटा अरुण वोरा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग से विधायक भी है।
वोरा का राजनैतिक सफर
- लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे।
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रह चुके रह चुके हैं।
- मध्य प्रदेश के एक हिंदी अखबार के पत्रकार रहे।
- नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक के बेहद खास माने जाते थे।
- साल 1968 में राजनीति में एंट्री की।
- 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीते।
- मध्यप्रदेश के सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए।
1968 में समाजपार्टी के सदस्य रहे वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश की दुर्ग म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य बने।
1970 में कांग्रेस में शामिल हुए और 1972 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने।
1977 और 1980 में भी विधायक चुने गए।
अर्जुन सिंह की कैबिनेट में पहले उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री रहे।
1983 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
1981-84 के दौरान वे मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन का भी रहे।
13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।
14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य-परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला।
अप्रैल 1988 में वोरा मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए।
26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।