भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में शिवराज सरकार (Shivraj government) ने प्रदेश के 4 लाख से अधिक अधिकारी कर्मचारी को बड़ी राहत दी है। सरकार कर्मचारियों को पदोन्नति (promotion) की जगह पदनाम देने की तैयारी कर रही है। जिसके लिए शिवराज सरकार ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। जो 15 जनवरी तक राज्य शासन को अनुशंसा सौंपेगी और इसके बाद शासकीय कर्मचारी के पदनाम प्रभार का निर्णय लिया जाएगा।
दरअसल बुधवार को सरकार ने अधिकारी-कर्मचारी को उच्च पद का प्रभार देने के लिए नीति तैयार करने वाली एक समिति का गठन किया है। सरकार ने समिति को हर हाल में 15 जनवरी 2021 तक अनुशंसा भेजने की बात कही है। जिसके बाद शासकीय अधिकारी-कर्मचारी की पदोन्नति का विकल्प ढूंढ़कर उन्हें पदनाम दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग में समिति के गठन का आदेश भी जारी कर दिया है।
Read More: किसानों के हित में कृषि मंत्री कमल पटेल का बड़ा बयान, शुरू किया अभियान
बता दें कि यह समिति प्रदेश में पदोन्नति पर लगी रोक के कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार देने के लिए नीति और निर्देश तैयार करेगी। समिति में गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा जल संसाधन के अपर मुख्य सचिव सदस्य होंगे। इसके अलावा राजस्व और विधि विभाग से भी प्रमुख सचिव को इस समिति में शामिल किया गया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में 30 अप्रैल 2016 के बाद से पदोन्नति पर रोक लगाई गई है। तब से लेकर अब तक प्रदेश में 65000 से अधिक अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जिनमें 50 हजार ऐसे कर्मचारी हैं। जिन्हें पदोन्नति के बिना ही सेवानिवृत्त किया गया है। तभी से मध्य प्रदेश सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
पदोन्नति की मांग को लेकर कर्मचारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के मंत्रियों से मिल रहे हैं। जिसके बाद अब सरकार ने इस मामले में समिति का गठन किया है। जिसे प्रदेश के कुल 4,47,000 अधिकारी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा और उन्हें उच्च पद का प्रभार पदनाम दिया जाएगा।