दमोह के चर्चित “पैर धुलाई कांड” को लेकर राजनीति लगातार गर्म होती जा रही है। समाज में सौहार्द और सद्भाव की अपील के बजाय नेता मानो आग में घी डालने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल कुशवाहा समाज के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचा।
इस प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा भी थे। मुलाकात के बाद पीड़ितों से बातचीत करते विधायक कुशवाह का एक वीडियो सामने आया जिसमें भीड़ में खड़ा एक युवक पूरे वाक़िए की जानकारी दिखाई देता दिख रहा है।
वीडियो में आपत्तिजनक शब्द कहते नजर आ रहे विधायक कुशवाहा
वीडियो को गौर से देखने पर समझ आ रहा है कि मौके पर मौजूद लोगों में से एक युवक विधायक व अन्य समाज लोगों को बता रहा है कि “घटना किसी की गलती से नहीं हुई थी, सब कुछ अचानक हुआ, और मैं नहीं मानता इसमें किसी की गलती है।”
कह दी यह बात
शायद विधायक जी को यह बात नागवार गुजरी और वह इतना भड़क गए, कि जाते जाते युवकबसे बोले इस “अगली बार गू खा लेना।”
सामाजिक सौहाद्र या कुछ और, क्या थी विधायक की मंशा
विधायक का यह कथन निश्चित तौर पर सामाजिक सौहाद्र बनाए रखने, समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखने की दिशा में तो नहीं दिखाई दे रहा। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर विधायक कुशवाह वहां एकत्र लोगों से क्या कहलवाने की कोशिश कर रहे थे और सबसे बड़ी बात क्यों कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें, घटना में पैर धुलवाने वाले पक्ष के चार लोगों पर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया था। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर आरोपियों पर सामाजिक तानाबाना के मद्देनजर NSA की कार्यवाही के निर्देश दिए थे। वीडियो देखकर लग रहा है कि विधायक जी का भी कदम सामाजिक ताने बाने को बनाए रखने से ज्यादा, उसे बिगाड़ने में दिख रहा है।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट





