सिद्धू की “ईंट” का असर कांग्रेस में , मनीष तिवारी बोले – हम आह भी भरते …

Atul Saxena
Published on -

नई दिल्ली , डेस्क रिपोर्ट।  पंजाब कांग्रेस की कलह काम नहीं हो रही है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amrinder Singh )के बीच चल रहा विवाद खुलकर सामने आ चुका है। सिद्दू अपना आक्रामक अंदाज दिखाकर इरादे जाहिर कर चुके हैं ऐसे में उनके ईंट से ईंट बजा देने वाले बयान ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है। सिद्धू के बयान के बाद सीनियर लीडर मनीष तिवारी ने ट्वीट कर अपनी ही पार्टी पर तंज कसा है।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच की दूरियों को कम करने के लिए पंजाब कांग्रेस प्रभारी वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) बहुत प्रयास कर रहे हैं लेकिन नतीज सबके सामने है। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी आलाकमान को ही चेतावनी देने वाले बयान ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी।

ये भी पढ़ें – अपराजिता : दुनिया से जाते जाते दो लोगों को रोशनी दे गई 18 दिन की यह मासूम

हरीश रावत ने आज शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की। राहुल के घर एकांत में दोनों नेताओं की करीब  डेढ़ घंटा बात हुई।  मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि सबका अपना अपना अंदाज होता है इसे बगावत नहीं कह सकते। पंजाब में सभी कांग्रेस नेता एकजुट हैं।

ये भी पढ़ें – Gwalior News: हवाई सेवा में जुड़ा नया अध्याय, Spicejet ने शुरू की कार्गो सुविधा

उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने सिद्धू के बयान के बाद शायराना अंदाज में विरोध जताते हुए एक ट्वीट किया “हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती”

गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में पार्टी आलाकमान को फैसले लेने में छूट नहीं देने पर  ईंट से ईंट बजा देने की चेतावनी दी थी।  तभी से कांग्रेस का सियासी पारा उछाल पर है।

ये भी पढ़ें – MP News: जनता हित में CM Shivraj की बड़ी घोषणाएं, कहा- जल्द पूरे होंगे ये काम


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News