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Fri, Dec 5, 2025

कैसे बनेगा विकसित गुजरात? मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दिया जवाब, शतचंडी महायज्ञ को किया संबोधित

Written by:Mini Pandey
मुख्यमंत्री ने गोजारिया की विशिष्टता की सराहना करते हुए कहा कि यह गांव न केवल अपने लक्ष्यों को पूरा करता है, बल्कि दूसरों को भी उनके लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करता है।
कैसे बनेगा विकसित गुजरात? मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दिया जवाब, शतचंडी महायज्ञ को किया संबोधित

गुजरात में विक्रम संवत 2082 के नव वर्ष के उत्सव के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मेहसाणा जिले के गोजारिया में उमिया माताजी मंदिर ट्रस्ट और पटेल समुदाय द्वारा आयोजित शतचंडी महायज्ञ में हिस्सा लिया। इस पावन अवसर पर उन्होंने सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन कि “विकास के साथ-साथ विरासत का संरक्षण भी जरूरी है,” विकसित भारत की दिशा में सही मार्ग है। उन्होंने यज्ञ की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि विज्ञान और आस्था के समन्वय से ही हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने गोजारिया की विशिष्टता की सराहना करते हुए कहा कि यह गांव न केवल अपने लक्ष्यों को पूरा करता है, बल्कि दूसरों को भी उनके लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के बाद देश में फैली नई ऊर्जा का जिक्र करते हुए गुजरात की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को ‘विकसित गुजरात’ के माध्यम से साकार किया जाएगा। इसके लिए सरकार हर गांव को विकसित करने और दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।

आर्थिक प्रगति की पहलों पर डाला प्रकाश

मुख्यमंत्री ने गुजरात सरकार की आर्थिक प्रगति की पहलों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हाल ही में उत्तर गुजरात में आयोजित जोन-वार वाइब्रेंट कॉन्फ्रेंस में तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश और 1200 से ज्यादा समझौता पत्र (MoU) हस्ताक्षरित हुए हैं। उन्होंने गोजारिया गांव से नव वर्ष में नए संकल्प लेने का आह्वान किया और उमिया माता से इन संकल्पों की पूर्ति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उन्होंने उमिया माता की पूजा-अर्चना की और महायज्ञ में योगदान देने वाले दानदाताओं को सम्मानित किया।

धार्मिक परंपराओं को जीवित रखना जरूरी

मेहसाणा सांसद हरिभाई पटेल ने कहा कि देश में कहीं भी रहें, हमारी धार्मिक परंपराओं को जीवित रखना जरूरी है, क्योंकि ये युवा पीढ़ी में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का संचार करती हैं। उन्होंने विकास को सड़कों और बुनियादी ढांचे तक सीमित न मानते हुए आस्था और सांस्कृतिक मूल्यों को भी इसका हिस्सा बताया। राज्यसभा सांसद मयंक नायक ने आयोजकों को बधाई दी और कहा कि तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में शतचंडी महायज्ञ जैसे आयोजन युवाओं को सनातन धर्म से जोड़े रखने की प्रेरणा देते हैंइस भव्य धार्मिक आयोजन में मेहसाणा विधायक मुकेश पटेल, जिला बैंक अध्यक्ष विनोद पटेल, कलेक्टर एस. के. प्रजापति, उमिया माताजी मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे