भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ऑक्सीजन (Oxygen) के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedicivir Injection) की कमी और कालाबाजारी की खबरों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) का बड़ा बयान सामने आया है। मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन सभी को ज़रूरत के अनुसार उचित दाम पर उपलब्ध हो और इसकी कालाबाज़ारी न हो, इसके लिए औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन औषधि निर्माताओं को मध्यप्रदेश में इसकी सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि Oxygen की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्माताओं एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स से सतत संपर्क किया जा रहा है। वर्तमान में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नही है। प्रदेश में लगभग 244 मीट्रिक टन ऑक्सीजन/प्रतिदिन की उपलब्धता है। परिवहन हेतु टेंकरों की संख्या भी बढ़ायी जा रही है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा है कि अन्य राज्यों से Oxygen की आपूर्ति बढ़ाने हेतु चर्चा कर अनुरोध किया गया है। इंडस्ट्रीयल उपयोग को सीमित करके सर्वप्रथम ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अस्पतालों और संस्थानों में इसकी बर्बादी रोकने के लिए भारत सरकार (Indian Government) से प्राप्त दिशा-निर्देशों से सभी को अवगत कराया गया है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग (Medical Education Minister Vishwas Kailash Sarang) ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा कर निर्देश दिये हैं कि सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर स्थापित कर उन्हें सक्रिय किया जाये। लगभग सभी जगह यह सेंटर स्थापित भी हो चुके है। उन्होंने निर्देश दिये है कि जो लोग होमआइसोलेशन में हैं उनकी कंट्रोल एवं कमाण्ड सेंटर के माध्यम से दिन में दो बार मॉनीटरिंग हो और उन्हें चिकित्सीय सहायता दी जाये तथा उनसे बात भी की जाये।
होम आइसोलेशन (Home Isolation) वाले मरीजों का फिजीकल वेरीफिकेशन (Physical verification) करने के निर्देश भी दिये गये हैं। सभी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सुचारू व्यवस्था हो, इसका आंकलन किया गया है। प्रदेश स्तर पर अलग-अलग अधिकारियों को भी ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि की जिम्मेदारी दी गई है।
मंत्री सारंग ने बताया कि प्रदेश में आज कुल 21 हजार 862 यूनिट रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति की गई है। इसको प्रदेश के विभिन्न जिलों में वितरित किया गया है। इसकी काला बाजारी न हो इस संबंध में औषधि निरीक्षक को आदेश दिये गये हैं। साथ ही एमआरपी से ज्यादा मूल्य पर भी इसे कोई न बेचे, इसकी भी निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं। विगत दो दिन में 476 निरीक्षण भी किये गये हैं। प्रदेश में लगभग 244 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध हो रही है, जो लगभग माँग के बराबर है।