जीतू पटवारी की डॉ. मोहन यादव को दो टूक, कहा ‘आप सीएम सिर्फ बीजेपी के नहीं, हमारे भी हैं, जनता के हैं’, वचनपत्र के वादे पूरा करने मुख्यमंत्री को लिखेंगे पत्र

कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अधिकारियों को करप्शन का शौक़ नहीं चढ़ता है। करप्शन ऊपर से होता है, नीचे से नहीं। वहीं किसानों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष का दायित्व है कि जनता की बात कहे। जनता की आवाज़ है कि 'कब होगा वचनपत्र' और हम जनता की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों से किया वादा पूरा करेगी तो आरोप नहीं लगेंगे बल्कि सीएम का नागरिक अभिनंदन होगा।

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Jitu Patwari hits back at CM Mohan Yadav : ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’ मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में फ़िलहाल ये मुहावरा काफ़ी चर्चाओं में है। सीएम ड़ॉ. मोहन यादव ने इस मुहावरे के ज़रिए कांग्रेस पर तंज़ कसते हुए कहा कि वो बीस साल से ज़्यादा समय से सरकार से बाहर हैं और कुछ समय के लिए आए भी तो सरकार नहीं चला पाए। इसके जवाब में जीतू पटवारी ने कहा है कि ‘रस्सी जली लेकिन जनता जनार्दन होती है लोकतंत्र, जिसने आपको सत्ता दी। आप सीएम सिर्फ बीजेपी के नहीं हमारे भी हैं..जनता के हैं।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष का दायित्व है कि वो जनता की बात कहे। आज जनता की आवाज़ है कि ‘कब होगा वचनपत्र’ और हम इसे लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं। 

एक दिन पहले पहले नर्मदापुरम में कांग्रेस ने ‘किसान न्याय यात्रा’ निकाली थी और इसमें प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने जिला कलेक्टर पर कई आरोप लगाए थे। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने उनसे माफ़ी माँगने की बात कही थी। लेकिन अब मुख्यमंत्री की बात का प्रत्युत्तर देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जिन्होंने आपके वचनपत्र के आधार पर बीजेपी को वोट दिया है, आप वो वादें पूरे कर देगों ते आरोप-प्रत्यारोप नहीं होगा, बल्कि आपका नागरिक अभिनंदन किया जाएगा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने करप्शन के मुद्दे पर सरकार को घेरा

जीतू पटवारी ने साफ़ कर दिया है कि जब तक किसानों की माँग के मुताबिक़ उन्हें सोयाबीन के लिए 6000 रुपए प्रति क्विंटल राशि नहीं दी जाएगी, कांग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा। इसी के साथ उन्होंने एक बार फिर प्रदेश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘मध्य प्रदेश में कोई ऐसा आम नागरिक हो जो बिना पैसे दिए किसी सरकारी विभाग में काम करवा सकता हो..तो एकाध उदाहरण लेकर आ जाएँ। जब पैसे देकर कर्मचारी काम करते हैं तो स्वाभाविक है कि बिना पोस्टिंग बिना पैसे दिए वो लाते नहीं हैं। अधिकारियों को शौक़ नहीं चढ़ता है करप्शन करने का। करप्शन ऊपर से होता है, नीचे से नहीं होता है। जहां तक प्रश्न हो विपक्ष का..हमारा काम है जनता की पीड़ा सरकार तक लेकर जाएँ।’

‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया’ सीएम की टिप्पणी का दिया जवाब

उन्होंने कहा कि ‘रस्सी जल गई पर बल नहीं गया..रस्सी जली लेकिन जनता जनार्दन होती है लोकतंत्र जिसने आपको सत्ता दी। आप सीएम सिर्फ बीजेपी के नहीं हमारे भी हैं..जनता के हैं। अगर सीएम साहब को नौ महीने में वचनपत्र का एक भी वचन याद नहीं आया..घोषणापत्र में किसान की एक बात भी याद नहीं आई तो क्या विपक्ष अपनी आवाज़ नहीं उठाए ? जनता की बात नहीं करे ? मुख्यमंत्री क्यों नहीं बता पाते हैं कि आपकी सरकार का जो चेहरा है वो कर्ज़, क्राइम और करप्शन का बन गया है। आप क्यों नहीं बता पाते है कि माफिया इतने हावी क्यों है। आप क्यों नहीं बता पाते हैं कि 3000 रुपए बहनों को क्यों नहीं दिए आपने। क्यों नहीं बता पाते हैं कि 100 करोड़ रुपए रोज़ कर्ज़ लेना पड़ता है। आप ये क्यों नहीं बता पाते हैं कि गेहूं धान के सही दाम नहीं दे पाए हैं। आपको बताना पड़ेगा कि किसान 6000 रुपए माँग रहा है तो सरकार क्यों नहीं दे रही है। सीएम साहब..आपको किसान को 6000 रुपए देने पड़ेंगे और आप देंगे तो आरोप-प्रत्यारोप नहीं होगा, आपका नागरिक अभिनंदन होगा।’

कांग्रेस सीएम को लिखेगी पत्र

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘एक विभाग ऐसा नहीं है जहां बिना करप्शन के काम होता हो। माफिया हावी है सरकार में। रिश्वत लेकर काम कराने के लिए दलाल घूम रहे हैं। ऐसे में साँच को आँच कैसी। सच को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती। आज मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह कर रहा हूं कि नौ महीने हो गए हैं। सरकार के पास नौ महीने का समय पर्याप्त होता है। ये समृद्ध मध्य प्रदेश की परिकल्पना के साथ आपने वचन दिए थे उसमें से कितने का पालन किया। कितनी योजनाएं आपने बंद कर दी। इसे लेकर भी मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था की तैंतीस योजनाएं सरकार ने बंद कर दी। क्यों ? आख़िर इसके नाम पर ही वोट मिला न। लाड़ली बहनों को तीन हज़ार देंगे..बहनों ने वोट दिया। किसानों को 2700 का दाम देंगे..किसानों ने वोट दे दिया। आख़िर ये पूरा नहीं हुआ तो विपक्ष का दायित्व है कि जनता की बात कहे। जनता की आवाज़ है कि ‘कब होगा वचनपत्र’। हम पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से माँग कर रहे हैं।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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