ग्वालियर-चंबल दौरा: कमलनाथ ने सरकार पर दागे सवाल, बोले-बताएं कैसे वापस लाया जाएगा

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) आज शनिवार को ग्वालियर चंबल संभाग (Gwalior Chambal Division) के बाढ़ग्रस्त जिलों के दौरे पर है।दतिया में मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने अभी ग्वालियर से दतिया (Datia) क्षेत्र का हवाई दौरा किया है, बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। आज यह राजनीति (MP Politics) का विषय नहीं है, पर यह आवश्यक है कि हम राज्य सरकार को सुझाव दें।इस प्रकार की आपदा मैंने कभी नहीं देखी ? यहां से मैं शिवपुरी और श्यौपुर जा रहा हूं।

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज बाढ़ से पूरा ग्वालियर-चंबल संभाग प्रभावित है। छोटी सड़क से लेकर बड़ी सड़क, पुल-पुलिया सब नष्ट हो गये है, बह गये है। हजारों हेक्टेयर फसल नष्ट हो गई है, आज इसका कैसे आकलन किया जाएगा, सरकार बतायें ? आज कई मकान बह गए हैं, कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं ।  आज लोग बड़ी संख्या में राहत कैंपों में रह रहे हैं, उन्हें वापस कैसे लाया जाएगा, सरकार बताये ?

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि केवल घोषणा करने से कोई राहत मिलने वाली नही है ? मेरा तो आज एक ही प्रश्न है कि राज्य सरकार से कि वो यह बता दे कि राहत के क्या-क्या प्रबंध सरकार ने किये है , कितने सीमित समय में यह राहत प्रभावितों तक पहुंच जायेगी ? आज बड़े पुल, छोटे पुल, सड़कें सब बह गये हैं। आज गांव के गाँव खाली पड़े है, कई गांव में तो मुझे एक व्यक्ति भी नजर नहीं आया ?

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज राहत कैंपों से कैसे लोगों को वापस लाया जाएगा। सरकार (MP Government) कितने सीमित समय में जिन लोगों की मृत्यु इस आपदा में हुई है, उन तक आर्थिक सहायता पहुँचा देगी, राहत के सारे इंतज़ाम कब तक कर देगी ? मै सरकार से माँग करता हूँ कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बिजली बिल 1 वर्ष के लिये पूरी तरह से माफ किये जावे।आज शोमैनशिप, ड्रामे और दिखावे की राजनीति से कोई फायदा होने वाला नही है ?

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मै मुख्यमंत्री जी से निवेदन कर रहा हूं कि वो राहत का सीमित समय बताएं,आंकड़े बताएं । आज कितने पुल ,कितनी सड़क नष्ट हुई है, बिजली की व्यवस्था चौपट है। ट्रांसफार्मर गिर गए, खराब हो गए हैं। यह सारी स्थिति जनता के सामने बताएं और बताये कि सरकार ने इसको लेकर क्या इंतज़ाम किए है, क्या योजना है ? आप कमलनाथ की मत सुनिये , आप मुख्यमंत्री की मत सुनिये , आप तो प्रभावितों से पूछिये कि अभी तक उन्हें कितनी राहत मिली है ?

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कमलनाथ ने कहा कि मौसम विभाग (MP Meteorological Department)  बारिश की पूर्व चेतावनी देता है। मौसम विभाग बताता है कि कौन सा क्षेत्र ओरेंज झोन में है, कौन सा रेड जोन में है। यह जानकारी वह पहले ही दे देता है, यह सब जानकारी होने के बावजूद सरकार ने इस बाढ़ से निपटने को लेकर क्या प्रबंध किए, वह बताये ? यह बाढ़ अचानक नहीं आयी ?कोरोना के सवाल पर कहा कि सरकार ने तो सदन में बताया कि ऑक्सीजन की कमी से देश में कोई भी मृत्यु नहीं हुई ? कोरोना में कितने इंजेक्शन, कितनी ऑक्सीजन उपलब्ध थी , यह तो सभी को पता है ? मैंने ख़ुद ग्वालियर क्षेत्र में ऑक्सीजन की व्यवस्था की।अंतराष्ट्रीय मीडिया ने भी मौत के आँकड़े बताये है।

सारी सच्चाई आ जाएगी सामने

कमलनाथ ने कहा कि मुक्तिधाम और कब्रिस्तान के आँकड़े (MP Corona case update) यदि सरकार सार्वजनिक कर दे तो सारी सच्चाई सामने आ जायेगी ? मैंने 9 अगस्त आदिवासी दिवस को प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। कार्यक्रम करने के लिए हर ज़िले में राशि भी जारी की थी क्योंकि हमारा प्रदेश आदिवासी बहुल प्रदेश है।आज यह अन्न महोत्सव में लगे हैं , बाढ़ की भीषण आपदा में भी यह उत्सव मना रहे है, क्या यह उत्सव मनाने का समय है ?


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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