नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष यान की बढ़ती संख्या अंतरिक्ष में भारी मात्रा में कचरे का कारण बन रही है। इतना ही नहीं, पृथ्वी की कक्षा के अंतरिक्ष में इतना कचरा तैर रहा है कि इससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने वाले प्राणियों को जान को खतरा बना हुआ है। इसके अलावा आईएसएस पर उत्पन्न कचरा अंतरिक्ष में तैरते कचरे को भी जोड़ रहा है। यह कचरा दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है।
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अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले सेटेलाइट से भारी मात्रा में कचरा पैदा हो रहा है। वहीँ अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा भी कचरा फैलाया गया है। अब अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अच्छी खबर यह है कि ISS पर चालक दल के सदस्यों को कचरा निपटाने का एक नया तरीका मिल गया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने हाल ही में स्टेशन के वाणिज्यिक बिशप एयरलॉक से 2 जुलाई को एक विशेष कचरा बैग के भीतर लगभग 172 पाउंड (78 किलोग्राम) कचरा निकाला है। यह जानकारी नैनोरैक्स ने एक प्रेस विज्ञापन के द्वारा बताया है। नैनोरैक ने इन एयरलॉक सिस्टम को अंतरिक्ष में कचरे के निपटान के लिए बनाया है।
पत्रिका में छपे उल्लेख में शामिल था “कि हमारे पास इस सपताह शेयर करने के लिए रोमांचक खबर है। शनिवार, 2 जुलाई को मध्याह्न 7:05 बजे तक, हमने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर “बिशप एयरलॉक” को सफलतापूर्वक साइकिल से चलाया है और वहां पर नैनोरैक्स को तैनात कर दिया है।
इस स्टेशन से लगभग 172 एलबीएस कचरे (78 किलो) का निपटान करने के लिए तकनीक ने प्रभावी ढंग से अपना काम किया है। नैनोरैक्स ने एक बयान में कहा कि नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के सहयोग से नैनोरैक्स द्वारा आयोजित नई कक्षीय अपशिष्ट-निपटान तकनीक का परीक्षण किया गया था जोकि सफल रहा।