रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है, लोकायुक्त संगठन हो या फिर EOW, दोनों विभाग घूसखोरों पर पैनी नजर रखे हुए हैं और मौका मिलते ही रंगे हाथ दबोच रहे हैं, इसी क्रम ने आज जबलपुर EOW टीम ने सीएमएचओ कार्यालय के क्लर्क को 60000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। खास बात ये है कि आरोपी को पकड़ने के लिए टीम को उसका पीछा करना पड़ा।
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर की टीम ने जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ क्लर्क आकाश गुप्ता को 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। क्लर्क एक पैथोलॉजी सेंटर मालिक से रिश्वत ले रहा था।
EOW कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक एमएस पैथोलॉजी सेंटर संचालक सिहोरा के मालिक मनोज श्रीवास्तव ने EOW एसपी अनिल विश्वकर्मा को लिखित में शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने सीएमएचओ कार्यालय के क्लर्क आकाश गुप्ता पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।
उन्होंने अपने आवेदन में बताया कि उनकी एक शिकायत को बंद करने के बदले आकाश गुप्ता ने उनसे 80000 रुपये रिश्वत की मांग की, वे 20000 रुपये उसे दे चुके लेकिन फिर भी क्लर्क आकाश उन्हें परेशान कर रहा है, वो अलग अलग रूप से पैसों की मांग कर रहा है।
शिकायत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने इसका सत्यापन किया जिसमें रिश्वत मांगने की बात सही पाई गई, आरोपी आकाश गुप्ता ने पैथोलॉजी सेंटर संचालक मनोज श्रीवास्तव को आज रिश्वत लेकर बुलाया तय समय पर पैथोलॉजी सेंटर संचालक क्लर्क के पास सीएमएचओ कार्यालय पहुंचा।
आरोपी ने शिकायतकर्ता को बाइक पर बैठाया और दूर ले गया
यहाँ क्लर्क आकाश गुप्ता ने अपना शातिर दिमाग चलाया, वो ऑफिस के बाहर आया और मनोज श्रीवास्तव को बाइक पर बैठाया फिर करीब 2 किलोमीटर दूर तीन पत्ती चौक पर एक होटल में ले गया और यहाँ उससे रिश्वत की राशि 60000 रुपये ले ली और अपनी जेब में रख ली।
पीछा कर EOW ने रंगे हाथ पकड़ा बाबू
आकाश को ये नहीं मालूम था कि ई ओ डब्ल्यू की टीम उसका पीछा कर रही है जैसे ही आकाश गुप्ता ने मनोज श्रीवास्तव से 60000 रुपये रिश्वत ली टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया, ईओडब्ल्यू ने उसके पास से रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच में ले लिया।
संदीप कुमार की रिपोर्ट





