कैसे इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप कर रहे हैं आपकी जिंदगी को प्रभावित, देखिए क्या कहता है सर्वे

हाल ही में हुई रोहतक के भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के एक सर्वे के जरिए सामने आया है, कि युवा सोशल मीडिया का उपयोग करके हर रोज औसतन 7 घंटे बिता रहा है। इस समय के आस-पास के दौरान, वे रील्स और वॉट्सऐप के चक्कर में अपनी रीयल लाइफ से काफी दूर हो रहे हैं और इससे उनका दिल-दिमाग कमजोर हो रहा है। आज हम इस खबर में हम जानेंगे कि इस लत का क्या कारण है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

Rishabh Namdev
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Social media addiction: रोहतक के भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) के सर्वे के अनुसार, हमारे देश का युवा अपना हर रोज का औसतन 7 घंटे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है, जो उनके दिनचर्या में एक बड़े हिस्से को दिखा रहा है। इस समय का मोबाइल या सोशल मीडिया पर अधिक उपयोग करने का परिणाम है कि उनका ध्यान रील और सोशल मीडिया के पोस्ट्स में ज्यादा रहता है, जिससे उन्हें रीयल जीवन से दूरी महसूस हो रही है।

महिलाएं हैं अधिक सक्रिय:

सर्वे के अनुसार, सोशल मीडिया पर महिलाएं पुरुषों की तुलना में औसतन 20 मिनट ज्यादा समय बिता रही हैं। इससे स्पष्ट होता है कि महिलाएं सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय हैं और इसमें ज्यादा रुचि रखती हैं। ज्यादातर समय महिलाएं पुरुष से ज्यादा सोशल मीडिया पर एक्टिव होती है। किचन में खाना बनाने से लेकर सोने से पहले तक महिलाएं सोशल मीडिया का इस्तेमाल करती है।

सोशल मीडिया की बुरी लत को समझना जरूरी:

इस आदत को समय से पहले समझना जरूरी है। खासकर हमारी युवा पीढ़ी को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी होना चाहिए। युवा को चाहिए कि वह सोशल मीडिया का सही तरीके से उपयोग करें और इसे इस्तेमाल करने का समय सीमित रखें। इससे उन्हें रीयल जीवन में भी समय बिताने का अवसर मिलेगा और उनका दिल-दिमाग भी स्वस्थ रहेगा।

रीयल लाइफ में रुचि बनाए:

स्मार्टफोन का उसे दिन प्रतिदिन हमारे जीवन में बढ़ रहा है। ऐसे में हमको चाहिए की हम इसके ज्यादा इस्तेमाल पर रोक लगाएं और हमारे रीयल जीवन पर ध्यान दें। युवाओं को चाहिए कि वह अपने दिनचर्या में सक्रियता में रुचि रखें, जैसे कि खेलना, पढ़ाई करना, योग करना आदि। यह उनकी ताजगी को बनाए रखने में मदद करेगा।

रोहतक के भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कि स्टडी ने बताया की कैसे सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग हमें रीयल जीवन से दूर ले जा सकता है और इससे होने वाली समस्याएं कैसे शुरू होती है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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