बालाघाट, सुनील कोरे। अपमानजनक शब्द कितने घातक होते हैं इसका जीवंत उदाहरण खैरलांजी थाना क्षेत्र में 17 अक्टूबर को नहर में बहते मिले मासूम के शव की जांच के बाद सामने आया है। जिसमें अपने खिलाफ बोले गये अपमानजनक शब्दों से आहत एक नाबालिग लड़की ने मासूम की नहर में फेंककर हत्या (Murder) कर दी। 17 अक्टूबर को खैरलांजी थाना अंतर्गत कचेखनी नहर में मासूम का बहता शव खैरलांजी पुलिस ने बरामद किया था। जिसकी पहचान बाद में प्रिंस पिता सुरेन्द्र गुनाड़े के रूप में की गई थी। जिसमें पुलिस ने मर्ग जांच में उसकी हत्या के आरोप में एक नाबालिग लड़की को गिरफ्तार किया है।
बताया जाता है कि मृत बालक प्रिंस की मां योगेश्वरी ने नाबालिग लड़की को अपमानजनक शब्द कहे थे। जिससे आहत नाबालिग लड़की ने बदला लेने उसके 5 वर्षीय बेटे प्रिंस गुनाड़े की नहर में फेंककर हत्या कर दी थी। लड़की मासूम की बहन 7 वर्षीय तन्नु उर्फ आराधना की भी हत्या करने उसे तालाब में फेंक आई थी, लेकिन तालाब का पानी कम होने से वह किसी तरह तालाब की घास को पकड़कर बच गई थी। उसने ही नाबालिग लड़की द्वारा की गई भाई की हत्या का राज खोला। जिसके बाद खैरलांजी पुलिस ने 5 वर्षीय मासूम प्रिंस की हत्या मामले में नाबालिग 16 वर्षीय लड़की को गिरफ्तार कर उसे बाल न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे बाल सुधार गृह भिजवा दिया गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार किन्ही निवासी सुरेन्द्र गुनाड़े का ससुराल, सालेटेका का है, चूंकि वह कमाने-खाने बाहर रहता है, इसलिए उसकी पत्नी योगेश्वरी, अपने दो बच्चे 7 वर्षीय तन्नु उर्फ आराधना और 5 वर्षीय मासूम प्रिंस के साथ सालेटेका में रहती है। योगेश्वरी का घटना से पूर्व पड़ोस की 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग 16 वर्षीय लड़की से विवाद हुआ था। योगेश्वरी ने नाबालिग को विवाद में अपमानजनक बातें बोल दी थी। जिससे आहत नाबालिग लड़की ने योगेश्वरी को लेकर रंजिश मन में पैदा कर ली थी और योगेश्वरी द्वारा किये गये अपमान का बदला लेने वह योगेश्वरी के बेटे 5 वर्षीय प्रिंस और 7 वर्षीय तन्नु उर्फ आराधना को चॉकलेट खिलाने के बहाने सायकिल पर लेकर गई थी। इस दौरान पहले उसने प्रिंस को नहर में फेंक दिया, जिसके बाद उसने आराधना को तालाब में फेंककर वह घर चले आई। जहां तन्नु उर्फ आराधना तो बच गई लेकिन प्रिंस नहर के पानी से बहते हुए खैरलांजी थाना अंतर्गत कचेखनी नहर में उसका शव ग्रामीणों द्वारा देखा गया। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने शव बरामद कर उसकी पतासाजी की। जिसकी पहचान किन्ही निवासी प्रिंस पिता सुरेन्द्र गुनाड़े के रूप में हुई। पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था।
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मर्ग विवेचना के दौरान खैरलांजी थाना प्रभारी श्रीराम बुरडे द्वारा मामले में धारा 302,307 का मामला कायम कर मासुम प्रिंस की हत्या मामले में नाबालिग लड़की को गिरफ्तार कर बाल न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे बाल सुधार गृह भिजवा दिया गया है। पुलिस की जांच और मृत प्रिंस की बहन के बयान के आधार पर डूबने से प्रथमदृष्टया सामान्य मौत नजर आ रही घटना हत्या के रूप में सामने आई। वहीं यह घटना यह सबक भी देती है कि अपमानजनक शब्द कितने घातक होते हैं ।