MP News : फिर शुरू होगी ये योजना, 200 लाड़ली लक्ष्मी जाएंगी बॉर्डर पर

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP News) में जिन योजनाओं पर विराम लग गया था उनके फिर से शुरू करने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को फिर से शुरू करने का एलान किया था अब एक और योजना फिर से शुरू हो रही है इसका नाम है “मां तुझे प्रणाम योजना” (Maa Tujhe Pranam Yojana).

मध्य प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया (Sports and Youth Welfare Minister Yashodhara Raje Scindia) ने बताया कि कोविड काल में रोक दी गई “मां तुझे प्रणाम योजना” को पुनः शुरू किया जा रहा है। इस वर्ष योजना में पहली बार प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मियाँ देश की सीमा की यात्रा करेंगी। मंत्री श्रीमती सिंधिया ने बताया कि 2 से 11 मई तक प्रदेश में आयोजित होने वाले  “लाड़ली लक्ष्मी उत्सव” में 2 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) 200 लाड़ली लक्ष्मियों को हरी झंडी दिखाकर वाघा बॉर्डर की यात्रा के लिए रवाना करेंगे।

मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार सशक्त भारत और आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के सपने को साकार करने के लिए युवाओं में देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति जागृति लाने, राष्ट्र के प्रति समर्पण और युवाओं को सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से “मां तुझे प्रणाम” योजना (Maa Tujhe Pranam scheme)  की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मियों को वाघा बॉर्डर की यात्रा करवाने का निर्णय लिया है। इस यात्रा से किशोरियों में न सिर्फ़ देश भक्ति की भावना जागृत होगी बल्कि वे भविष्य में देश की सेवा कर स्वयं को आत्म-निर्भर बनाने में भी सफल होंगी।

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उल्लेखनीय है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग की “मां तुझे प्रणाम योजना” में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से चयन कर युवाओं को विभिन्न समूहों में देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भ्रमण के लिए ले जाया जाता है। सीमावर्ती भूमि में शहीदों को युवाओं द्वारा अपने निवास क्षेत्र से ले जाए गए जल से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। युवाओं द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र के रहवासियों की मदद से पशुपालन, कृषि व्यवसाय, उद्योग धंधे, सिंचाई सुविधाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ, सांस्कृतिक रीति रिवाज़, मान्यताएँ, त्यौहार आदि का भी अध्ययन किया जाता है।

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एक नजर “मां तुझे प्रणाम योजना” पर 

वर्ष 2013 से प्रारंभ “मां तुझे प्रणाम योजना” में अब तक प्रदेश के 12 हज़ार 672 युवाओं को लेह-लद्दाख, कारगिल-द्रास, आर.एस.पुरा, वाघा-हुसैनीवाला, तानौत माता का मंदिर, लोंगोवाल, कोच्चि, बीकानेर, बाड़मेर नाथूराम- दर्रा, पेट्रापोल, तुरा, जयगाँव, अंडमान निकोबार एवं कन्या कुमारी की यात्रा कराई गई है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग की इस योजना में चयनित युवाओं को गृह निवास का यात्रा किराया, दैनिक भत्ता, आवास, भोजन, स्थानीय यातायात व्यवस्था, रेल आरक्षण व्यवस्था, ट्रैक सूट, टी-शर्ट और किट बैग उपलब्ध कराए जाते हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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