धार : करोड़पति व्यापारी के एकलौते बेटे ने चुनी जैन मुनि बनने की राह, महज 16 साल की उम्र में सब त्यागा

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धार, डेस्क रिपोर्ट। धार जिले के नागदा गांव में रहने वाले करोड़पति व्यापारी के बेटे ने अपने एक फैसले से सबको चौंका दिया, दरअसल 16 साल के अचल ने त्याग और संयम की राह चुनने का फैसला किया है। अचल शहर के जाने माने कारोबारी का बेटा है, घर में सुख सुविधाओं के वह सभी साधन मौजूद है जो इस उम्र के बच्चों की चाह और सपना होती है लेकिन उसके बावजूद अचल ने यह फैसला लिया, अचल हार्डवेयर और ऑटो पार्ट्स कारोबारी मुकेश श्रीमाल का बेटा है, वह परिवार का इकलौता बेटा है।  छुट्टियों में मुनियों के साथ विहार करने के दौरान अचल ने संयम और त्याग की राह पर चलने का फैसला किया।

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बीते डेढ़ साल से अचल बिना पंखे एसी के सो रहे हैं। अचल को दिसंबर में जैन संत जिनेंद्रमुनि गांव में ही दीक्षा देंगे। परिवार में दीक्षा लेने वाले अचल पहले व्यक्ति बनने वाले हैं। उनसे पहले परिवार के किसी भी सदस्य ने संयम पथ नहीं चुना है। अचल के अनुसार उन्होंने 2 साल पहले यानि 2020 में नागदा में वर्षावास किया था, इसी दौरान संयतमुनि जी महाराज के साथ विहार किया। इसी दौरान अचल ने दीक्षा लेने का मन बनाया। उन्होंने बिना पंखे के रहने, पैदल चलने जैसे कार्य कर क्रिया पूरी कर ली है। संयम पथ के नियमों का पालन वे बीते डेढ़ साल से कर रहे हैं। इसलिए अचल को दीक्षा लेने की अनुमति मिली है। अचल के इस फैसले से उसके परिजन बेहद खुश है, उनका ख है जीवन का असल सार यही है इसलिए उन्होंने बेटे को यह सब करने से नहीं रोका। उन्हे इंतजार है उस दिन का जब उनका बेटा जैन मुनि बन जाएगा।  संयम पथ पर चलने के लिए अचल ने अभी से सब कुछ त्याग दिया है। बीते डेढ़ साल से अचल बिना पंखे एसी के सो रहे हैं।


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Harpreet Kaur

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