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Sat, Dec 6, 2025

VIDEO: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में जमकर हंगामा, वापस लौटे, SP ने संभाला मोर्चा

Written by:Pooja Khodani
VIDEO: ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में जमकर हंगामा, वापस लौटे, SP ने संभाला मोर्चा

गुना, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना (Guna) दौरे के दूसरे दिन आज सोमवार को बीजेपी से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के कार्यक्रम में जमकर हंगामा हो गया। हंगामे की वजह दान में दी गई जमीन का नाम देवी अहिल्याबाई होलकर(Devi Ahilyabai Holkar)पर रखा गया था, जिसे शिवराज के मंत्री के पिता के नाम पर रखना था। इसको लेकर कार्यक्रम के दौरान पूर्व मालिक और स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध जताया।

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दरअसल, आज यहां राज्‍य सभा सांसद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया द्वारा नगर पालिक परिषद गुना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नामांकरण शिलालेख पट्टिका का अनावरण किया गया।इसके तहत शहर का बूढ़े बालाजी-हनुमान टेकरी मार्ग “स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व विधायक स्‍व. सागर‍सिंह सिसौदिया” मार्ग के नाम से जाना जाएगा। जबकी गुना में दान में दी गई जमीन पर बने इस चौराहे का नाम देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखा गया था, जिसे बदलकर शिवराज सरकार (Shivraj Government) में पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया (Panchayat Minister Mahendra Singh Sisodia  के पिता सागर सिंह सिसोदिया के नाम पर रख दिया, जिसको लेकर आज सोमवार मंत्री महेद्र सिंह सिसोदिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में जमकर हंगामा हुआ।स्थानीय लोगों और पूर्व मालिक ने इस पर आपत्ति जताई।

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कार्यक्रम के दौरान देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को बीच बचाव के लिए उतरना पड़ा। हंगामा होता देख गुना एसपी राजीव कुमार मिश्रा(Guna SP) ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने। हंगामे के बाद राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यक्रम स्थल से तुरंत रवाना हो गए।

इस मौके पर सिंधिया ने कहा कि नगर पालिक परिषद द्वारा लिया निर्णय को सभी को मानना होगा। उन्‍होंने कहा कि सड़क नामांकरण के उपरांत संबंधित की मूर्ति भी लगे। जिले में जहां भी महापुरूषों के नाम के मार्ग हैं, में उनकी मूर्ति भी लगायी जानी चाहिये। साथ ही उनके व्‍यक्तित्‍व और कृतित्‍व से लोग प्रेरणा लें, के लिए उनके जीवन परिचय से संबंधित पट्टिका भी लगनी चाहिये। ताकि लोग देश को आजादी दिलाने वाले महान स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद रखें।इतिहास तब तक जीवित रहता है जब तक हमें उसे जीवित रखें।