ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के प्रतिष्ठित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ रिपु दमन (Cardiologist Dr Ripu Daman) को प्रतिष्ठित इंटर नेशनल सम्मान एशिया पैसिफिक एक्सलेंस अवार्ड (Asia Pacific Excellence Award) से नवाजा गया है। डॉ रिपु दमन को ये अवार्ड चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया गया है।
कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी, किंगडम ऑफ टोंगा (Common Wealth University, Kingdom of Tonga) एवं एशिया पैसिफिक चैंबर ऑफ कॉमर्स (Asia Pacific Chamber Of Commerce) ने ग्वालियर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ रिपु दमन (Cardiologist Dr Ripu Daman) को चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष एवं महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एशिया पैसिफिक एक्सलेंस अवार्ड (Asia Pacific Excellence Award)से सम्मानित किया है। ये अवॉर्ड होटल रेडिसन गुरुग्राम उद्योग नगर में आयोजित एक समारोह में आज रविवार 11 जुलाई को दिया गया। कार्यक्रम में कमान वेल्थ यूनिवर्सिटी, किंगडम ऑफ टोंगा के वाइस चांसलर डॉ रिपु रंजन सिन्हा विशेष रूप से मौजूद थे।
गुरुग्राम हरियाणा में आयोजित इस इंटरनेशनल सम्मान समारोह में भारत अलग अलग क्षेत्र से जुड़े ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने समाज में विशेष योगदान दिया हो। खास बात ये है कि एशिया पैसेफिक एक्सलेंस अवार्ड (Asia Pacific Excellence Award) प्राप्त करने वाले ग्वालियर के डॉ रिपु दमन अकेले फिजिशियन थे जिन्हे ये सम्मान दिया गया।
गौरतलब हैं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ रिपु दमन (Cardiologist Dr Ripu Daman) ग्वालियर के एक प्रतिष्ठित फिजिशियन हैं, ये कई वर्षों से ग्वालियर में हृदय रोगियों की सेवा कर रहे हैं , बिरला अस्पताल सहित शहर के कई अस्पतालों को अपनी सेवाएं दे चुके डॉ रिपु दमन ने कोरोना काल में भी मरीजों को बेहतर सेवाएं दी हैं साथ ही वैक्सीनेशन के लिए अपने हॉस्पिटल कुशल हॉस्पिटल में फ्री कैम्प लगाकर समाजसेवा भी की है।
गौरतलब है कि एक हृदय रोग विशेषज्ञ होने के साथ साथ डॉ रिपु दमन एक शास्त्रीय संगीत कलाकार भी हैं, डॉ रिपु दमन मोहन वीणा वादक हैं। वे विश्व प्रसिद्द तानसेन संगीत समारोह में इसकी प्रस्तुति भी दे चुके हैं। जिसका सौभाग्य देश की बहुत भाग्यशाली शास्त्रीय संगीत कलाकारों को मिलता है। अपने इस शौक को वे अपनी चिकित्सा में बहुत सहायक मानते हैं डॉ रिपु दमन कहते हैं कि मोहन वीणा का रियाज करने के बाद एक अलग तरह की शांति संतुष्टि और सकारात्मक प्रभाव शरीर में महसूस होता है और जब मरीज को देखते हूँ तो ये वहां ट्रांसफर होता है जिसका फायदा इलाज में होता है।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....