अपना किला फतह नहीं कर पाई भाजपा, कद्दावर नेताओं के बाद भी हारी

Amit Sengar
Published on -
BJP PRESIDENT VIDEO VIRAL

ग्वालियर,अतुल सक्सेना। ग्वालियर (gwalior) में ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस ने सेंध लगा दी है। ग्वालियर से महापौर पद के लिए कांग्रेस की प्रत्याशी शोभा सिकरवार जीत गयी हैं। यह 57 साल बाद हो रहा है कि ग्वालियर में महल के प्रभाव से अछूता महापौर बनेगा।

यह भी पढ़े…नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को कांग्रेस ने दी करारी शिकस्त : कमलनाथ

दरअसल पिछले 57 साल की बात करें तो स्वर्गीय विजयाराजे सिंधिया भाजपा की फाउंडर मेंबर रही है और ग्वालियर में महापौर उन्हीं के प्रभाव से बनता था। उनके पुत्र स्वर्गीय माधवराव सिंधिया लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। बावजूद इसके बीजेपी ही महापौर बनाती रही। लंबे समय बाद यह मौका आया है जब शोभा सिकरवार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में महापौर बनी हैं। हालांकि यह भी निर्विवाद रूप से सत्य है कि सतीश सिकरवार के पिता भाजपा के मजबूत नेताओं में से एक हुआ करते थे लेकिन राजनीतिक प्रतिद्धता के चलते उन्हें दरकिनार कर दिया गया जिसके चलते उनके बेटे को कांग्रेस में आने का कदम उठाना पड़ा। इस जीत ने यह भी साबित कर दिया कि सतीश सिकरवार ग्वालियर चंबल अंचल में युवाओं के एक बेहद सशक्त नेता के रूप में उभरे हैं।

यह भी पढ़े…दतिया में दिखा नरोत्तम का दम, बड़ौनी में क्लीनस्वीप तो दतिया में सिर्फ चार कम

हालांकि बीजेपी की हार के पीछे संगठनात्मक कमजोरियां भी बड़ा कारण बनी। ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व मंत्री और राज्यसभा सदस्य रही माया सिंह को महापौर पद के लिए टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन इसके उलट सुमन शर्मा को टिकट दे दिया गया और यह प्रचारित किया गया कि वे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कोटे से आती हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी बार-बार यह कहने की कोशिश की गई कि सिंधिया अपनी समर्थक को टिकट दिलाने में असफल रहे। ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर क्षेत्र की राजनीति में अपना ग्लैमर और पकड़ है, और उनके समर्थक इस बात को पचा नहीं पाए।

यह भी पढ़े…Jabalpur Urban Body Result : कांग्रेस ने दर्ज की जीत, 44339 वोट से जीते जगत बहादुर

पूरे चुनाव के अंदर जिस तरह की एकजुटता दिखानी चाहिए थी वह पार्टी में दिखाई नहीं दी। यहां तक कि शुरुआत में ज्योतिरादित्य सिंधिया या नरेंद्र सिंह तोमर भी प्रचार के लिए ग्वालियर नहीं पहुंचे और अंतिम 3 दिनों में ही उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ रोड शो किया। चुनाव के ठीक कुछ दिन पहले ही पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को जिस तरह से मंच पर जगह नहीं दी गई वह भी एक बड़ा मामला बना और उसने ब्राह्मण मतदाताओं को ठेस पहुंचाई। कुल मिलाकर राजनीतिक खींचतान के चलते लंबे समय से बीजेपी के प्रभुत्व वाली मानी जाने वाली महापौर पद की सीट अब कांग्रेस के पाले में चली गई है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News