ग्वालियर । स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर के 31 पायदान नीचे आकर 59वें नंबर पहुंच जाने के बाद ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक ने आज नगर निगम अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। वे निगम अधिकारियों को लेकर स्वर्ण रेखा नाले को देखने पहुंचे और फिर वहां गंदगी देखकर कड़ी फटकार लगाई। विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि आप लोग नेताओं के चक्कर लगाना बंद करे,काम पर ध्यान दें। मैं 10 दिन बाद नाले में पैदल चलूँगा मुझे साफ़ मिलना चाहिए।
विधायक प्रवीण पाठक आज अपने क्षेत्र में बहने वाले स्वर्णरेखा नाले की स्वच्छता परखने के लिए पैदल ही नगर निगम के अधिकारियों के साथ निकल पड़े। विधायक श्री पाठक ने स्वर्ण रेखा नाले में गंदगी देख कर वहां मौजूद नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि पिछले 15 साल से वे लोग केवल नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं और क्षेत्र की साफ सफाई एवं अन्य कामों पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, वे लोग नेताओं के चक्कर लगाना बंद करें और क्षेत्र में काम पर ध्यान दें । विधायक लक्ष्मीगंज कमानी पुल से पैदल पैदल चल कर कार्मेल कान्वेंट के पीछे पुल तक पहुंचे बीच बीच में नाले में भी उतर गए और वहां पर अधिकारियों को सफाई के लिए निर्देश दिए । श्री पाठक ने चेतावनी दी कि 10 दिन के अंदर पूरा नाला साफ साफ दिखना चाहिए और मैं 10 दिन बाद फिर से यहां आकर यह चेक करूँगा। विधायक श्री पाठक रास्ते में पैदल पैदल जब जा रहे थे तब स्थानीय लोगों से उन्होंने पूछा कि नगर निगम के इन अधिकारियों को आप जानते हैं तो लोगों ने अधिकारियों के चेहरे देखकर साफ इंकार कर दिया कि हमने यह क्षेत्र में कभी नहीं देखे इस पर विधायक ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि जब आपके ऊपर क्षेत्र की साफ सफाई की जिम्मेदारी है आप लोग यहां जब दिखते ही नहीं है तो साफ सफाई कैसे संभव है ।
विधायक प्रवीण पाठक ने स्वर्णरेखा नाले को साफ स्वच्छ रखने के लिए सुझाव दिया कि नाले की बाउंड्री वॉल पर एंगल लगा कर बारीक जालियां लगाई जाएँ जिससे कि लोग कचरा न डाले और नाले के दोनों और अलग-अलग स्थानों पर बड़े-बड़े कचरा दान बनवा दिया जाए या रखवा दिए जाएं जिससे लोग कूड़ा कचरा उनमें डालें इससे नाला साफ रहेगा ।विधायक श्री पाठक ने स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर के पिछड़ने को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की एवं नगरनिगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया । उन्होंने कहा कि अगर वह लोग ध्यान देते तो शहर स्वच्छ दिखता और हमारा पहला दूसरा नहीं तो कम से कम चार पांच स्थान में तो होता । उन्होंने वहां उपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों से कहा कि कम से कम ऐसा काम करें कि शहर अंडर फाइव तो आए।