इंदौर, आकाश धोलपुरे। मासूम (Innocent) को ये होश भी नहीं था कि मोबाइल पर वो जो गेम खेल रही है और वो ही गेम उसके जीवन का आखरी गेम होगा। दरअसल ये हृदय विदारक घटना इंदौर (Indore) की है, जहां 7 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत सांप के काटने से हो गई। जानकारी के मुताबिक मासूम का नाम वैष्णवी है और वो अपने परिवार के साथ इंदौर के कृषि कॉलेज प्रांगण में स्थित घर में रहती थी।
पूरी घटना मंगलवार शाम 4 बजे से 5 बजे के बीच की बताई जा रही है। जिस वक्त मासूम वैष्णवी मोबाइल पर गेम खेल रही थी उसी वक्त घर में अचानक एक सांप घुस गया। मासूम बच्ची मोबाइल देखने में इतनी मशगूल थी कि उसे इस बात का इल्म ही नहीं था कि उसे सांप आकर डस गया है और वो जीवन में आखिरी बार मोबाइल पर गेम खेल रही है। इधर, सांप काटने के बाद मूर्छित हुई मासूम को उसके परिजन इलाज के लिए दो अलग अलग निजी अस्पताल में ले गए लेकिन दोनों ही अस्पतालों ने उसका इलाज करने से इंकार कर दिया। इसके बाद घबराए परिजन उसे आनन – फानन एम.वाय. अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई।
मृतक वैष्णवी के पिता रवि आयकर विभाग (Income Tax) में ड्रायवर के पद पर कार्यरत है वहीँ बच्ची की दादी एग्रिकल्चर कॉलेज (Agriculture College) में नौकरी करती हैं और इसी लिहाज से उनका निवास एग्रिकल्चर कॉलेज कैंपस में ही है। मासूम वैष्णवी के पिता की माने तो जब वो उसे निजी अस्पताल ले गए थे उस वक्त उसकी धड़कन चल रही थी लेकिन दो निजी अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया और आख़िरकार उसे एम.वाय. लाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। यदि निजी अस्पताल मेरी बच्ची का इलाज कर देते तो वो बच सकती थी।
इधर, इस मामले की जानकारी मिलते ही तिलकनगर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। तिलकनगर पुलिस के एस आई केएस मिश्रा ने बताया मर्ग कायम कर मामले जांच शुरू कर दी गई है और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
उधर आज बुधवार को मासूम वैष्णवी का पोस्टमार्टम हो गया है और जल्द ही उसकी रिपोर्ट भी आ जायेगी हालांकि, इस घटना के पीछे की पूरी वजह जल्द ही पुलिस की जांच रिपोर्ट के रूप में सामने आएगी। लेकिन ये बात जरूर सामने आई है कि एग्रिकल्चर कॉलेज के प्रांगण में खेतिहर जमीन है और अक्सर यहां सांप निकलते है लिहाजा, प्रांगण में रहने वाले हर परिवार के लिए ये सांप किसी बड़े खतरे से कम नहीं है।
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पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....