इंदौर, आकाश धोलपुरे। अंगदान (organ donation) को लेकर मध्य प्रदेश (MP) का इंदौर (Indore) एक बार फिर नए इतिहास की ओर अग्रसर है। क्योंकि आर्थिक राजधानी में 3 दिन में एक बार फिर 41वां ग्रीन कॉरिडोर (41st Green Corridor In Indore) बनाया गया। दरअसल शहर की रहने वाली 37 वर्षीय नेहा चौधरी इस दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं और उनकी दिली इच्छा थी कि उनके अंगों को जरूरतमंदों को दान किया जाए, ताकि उनकी जिंदगी बच सके। जिसके बाद नेहा की मृत्यु होने पर उनके अंगों को तीन लोगों को डोनेट करने का फैसला उनके परिवारजनों ने लिया।
नेहा की पति पंकज चौधरी ने बताया कि नेहा ने उनसे कई बार कहा था कि अगर मेरा जल्दी निधन हो जाए तो मेरे शरीर के अंगों को दान कर देना। नेहा ने कहा था कि मेरा लीवर फेफड़े किडनी और त्वचा डोनेट कर देना जिससे मुझे शांति मिलेगी।इसके बाद हमने नेहा की इच्छा को पूरा करते हुए उसकी किडनी और लीवर डोनेट करने का फैसला लिया है।
बतादें कि पार्श्वनाथ नगर निवासी नेहा चौधरी करीब 1 सप्ताह पहले इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल में इलाज के लिए आई थी। जहां न्यूरो सर्जरी के बाद उनका ब्रेन डेड हो गया था। जिसके बाद शनिवार को डॉक्टरों की स्पेशल टीम ने उनकी जांच कर उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
इनको होंगे अंग डोनेट
नेहा का लीवर चोइथराम हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट होगा। वहीं एक किडनी सीएचएल हॉस्पिटल एक महिला को मिलेगी तो दूसरी बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती एक महिला को ट्रांसप्लांट होगी। वहीं नेहा की आंख, त्वचा, चोइथराम हॉस्पिटल में ही जरूरतमंदों को मिलेगी।