खंडवा,सुशील विधाणी। मध्य प्रदेश के खंडवा (khandwa) जिले में महिला चिकित्सालय के अंदर एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि गर्भवती महिला को लेबर पेन होने पर अस्पताल में एडमिट किया गया था। जब उसे तेज़ लेबर पेन होने लगा तो उनके बुलाने पर डॉक्टर ओर नर्स कोई भी मरीज को देखने नहीं आया। उल्टा नर्स मोबाइल पर गेम खेलती रही। इसी बीच महिला की मौत हो गई। महिला की मौत होने के बाद ड्यूटी नर्स और डॉक्टरों ने एक घंटे तक मृत महिला का इलाज कर परिवार वालों को झूटी सांत्वना देते रहे। फिर बाद उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने महिला की मौत के बाद हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने आकर पूरे मामले को शांत किया।
महिला अस्पताल लेडी बटलर में गर्भवती महिला फरहीन की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। परिजनों ने डॉक्टर और नर्सो पर लापरवाही का आरोप लगाया। साथ ही महिला डॉक्टर और स्टाफ नर्स सो रही थी। गर्भवती महिला फरहीन की हालत खराब होने पर जब भी उन्हें बोलने जाते तो वह उन्हें हड़काकर भगा दे रहे थे। स्टाफ नर्स मोबाइल में गेम खेलने में लगी हुई थी।
मृतक महिला की सास ने कहा कि गर्भवती महिला को मंगलवार दोपहर तीन बजे उसे महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने चेक किया और कहा सुबह तक नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। लेकिन रात में जब फरहीन को लेबर पेन तेज होने लगा तो वह बार-बार डॉक्टर और नर्स को बुलाते रहे। लेकिन उनकी किसी ने सुनवाई नहीं की। और उल्टा स्टाफ नर्स मोबाइल में गेम खेलती रही। नर्स को जब भी बुलाने जाते थे। वह हड़का कर भगा देती थी। जब फरहीन की मौत हो गई तब उन्होंने एक घंटे तक जबरन नौटंकी की। फिर हमसे कहा कि उसकी सांस अभी चल रही है। और बहुत से कागजों पर सिग्नेचर लेते रहे। जबकि फरीन की मौत पहले ही हो चुकी थी। फरहीन के परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी बहू की मौत डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के चलते हुई है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
महिला अस्पताल में हंगामे की खबर मिलते ही मोघट टीआई ईश्वर सिंह चौहान ने तुरंत मौके पर पहुंचकर परिवार के लोगों से चर्चा की। उन्हें समझाया बुझाया इसके बाद कही जाकर मामले को शांत कराया। यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी खंडवा के एक मीडिया कर्मी के साथ भी इसी तरह का वाक्य हो चुका है। उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं हैं।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”