प्रभारी मंत्री बोले – हमने ग्वालियर को अनलॉक किया है, अब कोरोना को लॉक करना हैं

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर जिले का प्रभारी मंत्री के बाद पहली बार दौरे पर आये प्रदेश के जल संसाधन, मछुआ कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silawat) ने कहा है कि कोरोना (Corona) का संकट अभी टला नहीं है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर (Corona Third Wave)  की चुनौती हम सबके सामने है। इसलिए पुख्ता रणनीति के तहत और तेजी के साथ सभी इंतजाम किए जाएं। प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ग्वालियर जिले में कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कोरोना संकट के दौरान सरकारी अस्पातलों के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। हमारे प्रयास ऐसे हों कि यह विश्वास और मजबूत हो। उन्होंने कहा कि अभी हमने ग्वालियर को अनलॉक किया है लेकिन अब कोरोना को लॉक करना है। जनप्रतिनिधिगणों एवं अधिकारियों की इस संयुक्त बैठक में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह व सांसद विवेक नारयण शेजवलकर भी मौजूद थे।

प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिये ग्वालियर में हुए काम के लिए जिले की पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया और बधाई दी। साथ ही कहा कि कोरोना के आगामी संकट से निपटने के लिये कोई भी कार्य कागज पर न रह जाए। उसके नतीजे सामने दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले में निर्माणाधीन सभी ऑक्सीजन प्लांट हर हाल में दो माह के अंदर पुरे हो जाएं। साथ ही कहा की सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी प्राथमिकता के साथ ऑक्सीजन प्लांट लगवाए जाएं। श्री सिलावट ने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्थाएं भी बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कलेक्टर से कहा कि सरकारी अस्पतालों में मानव संसाधन की पूर्ति के लिए प्रस्ताव तैयार करें। वे सांसद, जिले के मंत्रिगण एवं अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर मानव संसाधन की पूर्ति के लिये स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारियों के साथ भोपाल में बैठक करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी इस संबंध में आग्रह किया जाएगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....