फर्जी अंक सूची के आधार पर नौकरी लगवाने वाले मुख्य सरगना को पुलिस ने दबोचा, 3 अन्य गिरफ्तार

Lalita Ahirwar
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जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में फर्जी अंक सूची के आधार पर युवाओं की नौकरी लगवाने वाले सरगना को गिरफ्तार करने में जबलपुर की ओमती थाना पुलिस (Police) को सफलता हासिल हुई है। पुलिस ने फर्जी अंक सूची बनवाकर नौकरी लगवाने के अलावा तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए ये सभी आरोपी 2011 से स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ होकर काम कर रहे थे जिन्हें की 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था।

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फर्जी अंक सूची के आधार पर पाई नौकरी

जबलपुर के रांझी मड़ई में रहने वाला दिलशाद खान फर्जी अंक सूची बनवाकर स्वास्थ्य विभाग में नोकरी दिलवाने में मास्टरमाइंड है। अभी तक दिलशाद खान ने 100 से ज्यादा लोगों की फर्जी अंक सूची बनवाकर नौकरी लगवाई है जिसके आरोप में इससे पहले भी वह गिरफ्तार हो चुका है। दिलशाद खान ने साल 2011 में साधना मसकोले निवासी सिवनी, अरविंद रजक निवासी जबलपुर, संदीप बर्मन निवासी डिंडोरी और कडोरी लाल निवासी कटनी की लैब टेक्नीशियन के पद पर नौकरी लगवाई थी। ताज्जुब की बात यह है कि चारो ही लोग जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग में 2011 से नौकरी भी कर रहे थे।

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सीएमएचओ ने की थी ओमती थाने में शिकायत

जबलपुर जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने 2020 में साधना मसकोले, अरविंद रजक, संदीप बर्मन और कडोरी लाल के दस्तावेजों की जाँच करवाई थी, डिसमें पाया गया कि चारों ही लोग फर्जी अंक सूची के माध्यम से नौकरी कर रहे थे जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।

सरगना सहित 3 हुए गिरफ्तार

2020 में सेवा से बर्खास्त हुए साधना, संदीप, अरविंद और कडोरी लाल सहित दिलशाद खान के खिलाफ cmho की शिकायत पर ओमती थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और पुलिस कार्रवाई के चलते तीन आरोपियों सहित सरगना दिलशाद खान को गिरफ्तार किया गया है। वहीं मामले में एक आरोपी कडोरी लाल अभी फरार है। बताया जाता है कि मुख्य सरगना दिलशाद खान की स्वास्थ्य विभाग में अच्छी पकड़ है। लिहाजा वह लोगों से 50 हजार से 1 लाख रुपये तक लेकर स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाया करता था।


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