यहां सजती है नागों की अदालत, इंसान के शरीर में घुसकर सांप खुद करता है सर्पदंश का इलाज

Lalita Ahirwar
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रायसेन, डेस्क रिपोर्ट। रायसेन जिले में हर साल लगती है सांपों की अदालत जी! हां सुनने में यह बड़ा अजीब लगता है लेकिन यहां के नजारे देखकर कोई भी दंग रह जाएगा। इस स्थान पर इंसान के रूप में सांप आकर अपने किए कर्मों का हिसाब देते हैं। यहां आकर सांप का काटा हुआ इंसान भी सांपों की तरह हरकते करने लगता है। फिर शुरू होती है सांपों की अदालत जिसमें सांप की आत्मा उस पीडित इंसान के शरीर में जाकर पूरा मामला बंया करती है और पूछती है कि उसने उस इंसान को क्यों काटा।

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ऐसी मान्यता है कि इस दरबार की कृपा से सांप द्वारा काटे गए व्यक्ति का इलाज हो जाता है और इंसान की जान बच जाती है। हर साल की तरह इस साल भी इस अदालत को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का कोई असर नहीं देखा गया। पुलिस की मौजूदगी में ही यहां सैकड़ों लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को तोड़ते नजर आ रहे हैं। अब यह आस्था है या अंधविश्वास इसका अंदाजा आप इन तस्वीरों को देख कर लगा सकते हैं।

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रायसेन जिले के छोटे से गांव सिहोरा में भगवान हुनमान का बड़ा ही प्रसिद्ध स्थान है। यहां के पुजारी मंदिर के पास ही शेषनाग के स्थान पर नागपंचमी के दिन सांपों की अदालत लगाते हैं। मान्यता है कि यहां सर्प दंश के पीड़ित मरीजों के अंदर स्वयं उस सांप की आत्मा आती है और उसे काटने की वजह बताती है। जिसके बाद पंडा बाबा स्थान के महत्व को बताते हुए उसे परेशान न करने की शपथ दिलाकर हमेशा के लिए संर्पदंश से पीड़ित इंसान को छोडकर चले जाने का हुकुम सुनाते हैं। जिसके बाद सर्पदंश से पीड़ित मरीज हमेशा के लिए ठीक हो जाता है। पुजारी का कहना है कि इस स्थान पर किसी भी प्रकार के जहरीले जीव जंतु के काटने पर उसका सफल इलाज किया जाता है।

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अब इसे लोगो की आस्था कहें या अंध विश्वास लेकिन जो नजारे यहां देखने को मिलते है वह भी कम नहीं हैं। यहां आकर इंसान सांपो की तरह फुस्कारने लगता है और मंदिर के चारों ओर लोट मारकर प्ररिक्रमा करता है और इस अदालत में आकर अपने लिए न्याय की गुहार करता है। जिस पर यहां के शक्तियां सर्पदंश से पीड़ित इंसान को सांप के प्रकोप से बचा लेती हैं। इस स्थान पर जिले सहित प्रदेश भर से लोग यहां आते है और उनके विश्वास के मुताबिक उनका यहां इलाज भी हो जाता है।

सिहोरा के रामरसिया दरबार में सांपो की अदालत 1984 से लग रही है हर साल यहां आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या बढती ही जा रही है। यहां पर कई प्रकार के सांपो की आत्मा सर्पदंश से पीड़ित व्यक्तियों के अंदर समा कर उसके काटने का हिसाब किताब बताते हैं। कई सांप जिद भी करते है लेकिन पुजारी उसे झाड-फूंककर पीड़ित को छोडने पर मजबूर कर देता है। लोगों की इस अनूठी आस्था पर कितना विश्वास किया जाए यह सवाल अब आपके सामने है।


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