शिक्षक का कारनामा, स्कूल शून्य करने बच्चों को बांट दी टीसी, डीईओ की जांच के बाद कलेक्टर ने किया निलंबित

कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्रा को निलंबित कर दिया गया,  विभाग ने शासकीय माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ सहायक शिक्षक रेखा मिश्रा को यहाँ पदस्थ कर दिया जिससे बच्चों का नुकसान ना हो, इसके बाद विभाग ने उन सभी सातों बच्चों के घर जाकर वापस बुलाया और उनकी टीसी निरस्त कर दी। 

Atul Saxena
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Rewa News : रीवा जिले में एक शिक्षक का ऐसा कारनामा सामने आया है जो अचंभित कर देने वाला है,  जिले के लालगांव विकासखंड गंगेव में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक पाठशाला हर्दी में पदस्थ एक मात्र शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्रा ने स्कूल को अपनी मर्जी से ही शून्य करने यानि शून्य छात्रों वाली शाला घोषित करने की प्लानिंग की, उन्होंने इस स्कूल को बंद करवाने के लिए यहाँ पढ़ने वाले बच्चों की अपनी ही मर्जी से टीसी बनाई और उन्हें घर जाकर थमा दी, मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी तक पहुंची और फिर DEO की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर प्रतिभा पाल ने निलंबित कर दिया है।

स्कूल बंद करवाने शिक्षक ने रची साजिश 

मध्य प्रदेश सरकार शाला प्रवेश उत्सव मनाकर, स्कूल चलें अभियान चलाकर बच्चों को स्कूल तक पहुँचाने और उनके भविष्य को संवारने का काम कर रही है लेकिन बच्चों को पढ़ाने वाला एक शिक्षक ही बच्चों की शिक्षा में बाधा बन गया, मामला रीवा जिले के लालगांव विकासखंड गंगेव में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक पाठशाला हर्दी का है , यहाँ पदस्थ एक मात्र शिक्षक (प्रभारी प्रधान अध्यापक) दिनकर प्रसाद मिश्रा ने स्कूल को बंद करवाने के लिए एक नया कारनामा ही कर दिया।

स्कूल बंद होने की अफवाह फैलाकर बच्चों की थमा दी टीसी 

शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्रा ने स्कूल को शून्य घोषित करने यानि बिना बच्चों वाला स्कूल घोषित करने के लिए एक योजना बनाई उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और गाँव में ये बात फैलाई कि सरकार स्कूल को बंद कर रही है और फिर बिना किसी आदेश के अपनी ही मर्जी से स्कूल में पढ़ने वाले 7 बच्चों की टीसी बनाई और उनके घर जाकर थमा दी और कहा कि अब स्कूल ना आयें, कुछ जागरूक ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की।

शिकायत के बाद DEO पहुंचे गाँव, की जाँच  

स्कूल बंद करने की बात सुनकर जिला शिक्षा अधिकारी भी चौंक गए उन्होंने कलेक्टर तक ये बात पहुंचाई, कलेक्टर के तत्काल एक जाँच टीम गठित कर दी उधर जिला शिक्षा अधिकारी खुद जाँच के लिए गाँव पहुंच गए वे आश्चर्य में थे कि बिना उनकी जानकारी के उनके जिले में कोई स्कूल कैसे बंद हो सकता है?

जाँच में खुलासा, शिक्षक ने अपने आराम के लिए किया ये सब 

जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने गाँव में बात की, अभिभावकों से बात की, संकुल केंद्र से भी जानकारी ली तो सामने आया कि विद्यालय बंद करने जैसी कोई बात नहीं है बल्कि ये यहाँ पदस्थ शिक्षक/प्रभारी प्रधान अध्यापक दिनकर प्रसाद मिश्रा द्वारा फैलाई गई एक अफवाह है, उन्होंने ये सब अपने आराम के लिए किया है।

कलेक्टर ने शिक्षक को किया निलंबित, नई शिक्षिका पदस्थ 

जिला शिक्षा अधिकारी ने रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर प्रतिभा पाल तक पहुंचा दी जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्रा को निलंबित कर दिया गया,  विभाग ने शासकीय माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ सहायक शिक्षक रेखा मिश्रा को यहाँ पदस्थ कर दिया जिससे बच्चों का नुकसान ना हो, इसके बाद विभाग ने उन सभी सातों बच्चों के घर जाकर वापस बुलाया और उनकी टीसी निरस्त कर दी।

आपको बता दें कि शासकीय पूर्व माध्यमिक पाठशाला हर्दी में इससे पहले दो बच्चों के अध्ययन के लिए दो शिक्षक तैनात थे जिसमें दिनकर प्रसाद मिश्रा और एक अतिथि शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रहे थे, हाल ही में यहाँ 7 बच्चे हो गए थे लेकिन शिक्षक/ प्रभारी प्रधान अध्यापक दिनकर प्रसाद मिश्रा ने विद्यालय को शून्य घोषित करते हुऐ सभी सातों बच्चों की टीसी थमा दी थी।

रीवा से सविता शर्मा की रिपोर्ट  


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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