अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। केंद्र सरकार (Central government) के द्वारा लागू किए जाने वाले तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान आज हुई भारत बंदी (Bharat band) के आयोजन में अशोक नगर (Ashoknagar district) में संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बड़ा प्रर्दशन किया। करीब 500 से ज्यादा ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने यहां रैली निकाली एवं मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर उमा महेश्वरी को किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा जिसमें केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने तहत स्थानीय समस्याओं को हल करने की मांग की है।
इस दौरान किसानों ने ट्रेक्टरों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। यह रैली करीब चार किलोमीटर लंबी रही। किसानों के शक्ति प्रदर्शन एवं बड़े आंदोलन को लेकर प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्था के साथ सुरक्षा की भी कड़ी व्यवस्था की थी। कई किसान संगठनों के अलावा कांग्रेसी भी इस आंदोलन में शामिल रहे। सबसे बड़ी बात यह रही कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ के पी यादव के भाई अजयपाल यादव भी इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले लोगों मे शामिल रहे।
केंद्रीय कृषि कानूनों के अलावा स्थानीय स्तर पर खराब हो चुकी किसानों की फसल एवं मुआवजे की पुरानी मांगों के साथ-साथ खसरा खतौनी जैसी छोटी-छोटी चीजों सहित नामंत्रण एवं बिजली बिल से जुड़े मुद्दों को लेकर किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। आंदोलन के दौरान भारी पुलिस बल और प्रशासनिक तंत्र के अलावा एडिशनल एसपी, अपर कलेक्टर, एसडीएम एवं एसडीओपी समेत कई थानों के प्रभारी एवं अधिकारी व्यवस्थाओं को संभालने में मौजूद रहे।
बता दें, अशोकनगर कृषि प्रधान जिला है और यहां किसान आंदोलन से जुड़े संगठन पूर्व से ही सक्रिय हैं। इस चलते आज जिले में भारत बंद के आंदोलन को किसानों की ओर से अच्छा खासा समर्थन मिला। साथ ही बाजार बंद का भी मिलाजुला असर रहा। दोपहर तक ज्यादातर बाजार किसानों के समर्थन में बन्द रहे। प्रशासन इस आंदोलन की गंभीरता को पहले से ही देख रहा था इसलिए शहर से बाहर ही पहले ट्रैक्टरों को रोका गया एवं किसी भी तरह से शहर में ट्रैक्टर प्रवेश न करें इसके लिए करीब दर्जन भर से अधिक प्रवेश द्वारों पर बैरिकेड लगाकर सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जिले में बाईपास रोड पर ट्रैक्टरों की रैली निकली जो करीब चार किलोमीटर लंबी रही। कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले राजमाता चौराहे पर प्रशासन में ट्रैक्टरों को रोक दिया गया। यहां से किसान पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां करीब दो दर्जन से ज्यादा किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।