भोपाल,सीधी/ डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों के लिए काम की खबर है। फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार करने के लिए मॉडयूल दिनांक 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2021 तक उपलब्ध होगा। मप्र शासन द्वारा इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसी कड़ी में सीधी कलेक्टर ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के अन्तर्गत 2020-21 की फीस प्रतिपूर्ति के लिए अशासकीय विद्यालय के संचालकों को निर्देश जारी किए है।
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सीधी कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान द्वारा जिले के समस्त अशासकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि अशासकीय स्कूलों के लिए RTE अंतर्गत सत्र 2020-21 की फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार करने के लिए मॉडयूल दिनांक 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2021 तक उपलब्ध होगा। मप्र शासन (MP Government) द्वारा इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि उक्त निर्देशों का सूक्ष्मता से अवलोकन करें तथा निर्धारित समय-सीमा में फीस प्रतिपूर्ति के लिए प्रपोजल तैयार करना सुनिश्चित करें।
सीधी कलेक्टर (Sidhi Collector) ने बताया ति ऑनलाइन कक्षा (Online Classes) संचालित किये जाने सम्बन्धी स्कूल द्वारा (100 रूपये के स्टॉम्प पेपर पर) शपथ पत्र अपलोड किया जाना अनिवार्य है। ऑनलाइन कक्षा संचालन का एक फोटोग्राफ्स अपलोड करना होगा। ऑनलाइन कक्षा संचालित नहीं होने की स्थिति में फीस प्रतिपूर्ति की पात्रता नहीं होगी। सत्र 2020-21 में स्कूल में अध्ययनरत समस्त छात्रों का आधार सत्यापन केवल बायोमेट्रिक मशीन से किया जाना अनिवार्य है एवं इस प्रक्रिया से आधार सत्यापित छात्र ही केवल फीस प्रतिपूर्ति के लिए पात्र होंगे। आधार सत्यापन के उपरांत ऑनलाइन कक्षा के कुल दिवस तथा छात्र की वार्षिक उपस्थिति दर्ज की जायेगी।
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सीधी कलेक्टर ने बताया कि स्कूल द्वारा केवल उन्हीं बच्चों की उपस्थिति दर्ज की जाए जिनके द्वारा ऑनलाइन कक्षा में अध्ययन किया है यदि भविष्य में किसी पालक द्वारा ऑनलाइन कक्षा नहीं लगने के सम्बन्ध में अवगत कराया जाना पाया जाता है तो सम्बन्धित स्कूल के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।वही छात्रों के आधार सत्यापन तथा सत्र में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति होने पर बच्चे का नाम फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार करने के लिए प्रदर्शित होगा। स्कूल के प्रधानाध्यापक द्वारा डिजीटल हस्ताक्षर से फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल लॉक किया जायेगा। सत्र 2020-21 की फीस प्रतिपूर्ति के लिए स्कूल द्वारा अधिकतम 02 ही प्रपोजल तैयार किये जा सकेंगे।
दरअसल, निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम 12 (1) (सी) अन्तर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटन उपरांत निःशुल्क प्रवेश दिया जाता है। प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रति छात्र व्यय अथवा स्कूल द्वारा ली जाने वाली वास्तविक शुल्क में से जो भी न्यूनतम हों, का भुगतान बच्चों के आधार सत्यापन तथा सम्बन्धित स्कूल के नोडल अधिकारी के वास्तविक सत्यापन उपरांत जिले से परीक्षण कर सक्षम अधिकारी के स्वीकृति उपरांत सीधे स्कूल को किया जाता है।
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सत्र 2020-21 में स्कूल का संचालन भौतिक रूप से बंद रहा है और बच्चों को स्कूल में आना प्रतिबंधित था परन्तु निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को अध्यापन कराये जाने के निर्देश प्रदान किये गये थे। सत्र 2020-21 में शालायें केवल ऑनलाइन ही संचालित की जा सकती थी। इस कारण से सत्र 2020-21 की फीस प्रतिपूर्ति किसी अपात्र बच्चे की न हो सके, इन सबको दृष्टिगत रखते हुए निजी स्कूल द्वारा सत्र 2020-21 की फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल केवल बायोमेट्रिक मशीन से बच्चे का आधार सत्यापन करने के उपरांत ही तैयार किया जा सकेगा। निजी स्कूल द्वारा इसके बगैर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार नहीं किया जा सकेगा।