ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) एक बार फिर अपने चिर परिचित सहज अंदाज में दिखाई दिए। गुरुवार को उन्होंने ग्वालियर स्थित अपने शासकीय आवास पर जनता की समस्याएं सुनीं और उनके तत्काल निराकरण के निर्देश अधिकारियों को दिए। ऊर्जा मंत्री ने अपने आवास पर ही हाथठेला, कामकाजी, पेंशन व आयुष्मान के पात्र हितग्राहियों को कार्ड वितरित करते हुए कहा कि हर पात्र हितग्राही को शासन की प्रत्येक योजना का लाभ दिलाना मेरी जिम्मेदारी है। मेरा प्रयास है कि क्षेत्र में कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे व उनको निःशुल्क इलाज की सुविधा मिले। उन्होंने हितग्राहियों से कहा कि आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है मैं हूँ आपके साथ।
38 नम्बर कार्यालय पर पहुंचे लोगों ने कई तरह की समस्याएं ऊर्जा मंत्री (Pradyuman Singh Tomar) को बताई। समस्यायें सुनते हुए ऊर्जा मंत्री (Pradyuman Singh Tomar) ने संबंधित अधिकारियों को मौके पर बुलाकर उनका निराकरण भी कराया। ऊर्जा मंत्री के बंगले पर पहुंची 70 वर्षीय गदाईपुरा निवासी श्रीमती मुन्नी श्रीवास को विधवा पेंशन नहीं मिल रही थी, तत्काल उनको पेंशन स्वीकृत कराई व 4 हजार रुपए की आर्थिक सहायता, साथ ही राशन की पात्रता पर्ची के लिए दस्तावेज जमा कराकर श्रीमती मुन्नी श्रीवास को खुशी-खुशी घर भेजा।
ऊर्जा मंत्री (Energy Minister Praduman Singh Tomar) ने हाथठेला व कामकाजी 422, पेंशन 47, आयुष्मान 480 के पात्र हितग्राहियों को कार्ड वितरित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की मंशानुसार आपकी समस्या के निराकरण के लिए आपके क्षेत्र में कैम्प आयोजित कर समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में 28 अगस्त 2021 को वार्ड 36 में जनकपुरी पैलेस में जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहां आपकी समस्याओं का निराकरण मौके पर ही किया जायेगा।
ऊर्जा मंत्री (Pradyuman Singh Tomar)ने आमजनता के सहयोग के लिए अपने कार्यालय पर बने कॉल सेंटर का नम्बर 0751-4344200 जारी करते हुए कहा कि अगर आप मेरे कार्यालय तक अपनी समस्या लेकर नहीं आ पा रहे हैं तो आप घर से ही अपनी समस्या फोन के माध्यम से बता सकते हैं तथा उन सभी समस्याओं का निराकरण उचित समय में किया जायेगा।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....