पॉलीथिन उपयोग पर सख्त HC, कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करे शासन अन्यथा PS हाजिर हो

Atul Saxena
Published on -

ग्वालियर, अतुल सक्सेना।  मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (MP HC) की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने सिंगल यूज प्लास्टिक, पॉलीथिन (Polythene) पर रोक के आदेश के बाद भी इसकी बिक्री और बढ़ते प्रयोग पर सख्त नाराजगी जताई है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट (HC) ने शासन को आदेश दिया है कि वो सिंगल यूज  पॉलीथिन पर रोक लगाए जाने के संबंध में शासन द्वारा की गई कार्यवाहियों की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करे अन्यथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव (PS) हाईकोर्ट में हाजिर हो।

आरटीआई एक्टिविस्ट गौरव पांडे ने एडवोकेट अवधेश भदौरिया के माध्यम से हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में 3 अगस्त 2018 एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें कहा था कि भारत सरकार ने 18 मार्च 2017 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम 2016 जारी किये थे जिसके बाद मध्यप्रदेश शासन द्वारा 24 मई 2017 को अधिसूचना जारी करते हुए पूरे मध्यप्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथिन के निर्माण, परिवहन, भण्डारण, बिक्री पर रोक लगा दी थी।

ये भी पढ़ें – हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने कसी कमर, मिलावटखोरों पर की जा रही कड़ी कार्रवाई

लेकिन प्रतिबन्ध के बावजूद अभी भी प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथिन के निर्माण, परिवहन, भण्डारण, बिक्री जारी रहा  ,शासन इसे लेकर गंभीर दिखाई नहीं दिया।  याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2020 को पारित आदेश में पॉलीथिन सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, बिक्री, परिवहन तथा उपयोग पर रोक लगा दी।  कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए 8 दिशा निर्देश जारी किये साथ ही सभी कलेक्टर्स को हर तीसरे महीने प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

ये भी पढ़ें – किन्नर को मारते वीडियो हुआ वायरल, आरोपी के खिलाफ केस दर्ज

इस आदेश को दिए हुए करीब डेढ़ साल हो गया लेकिन शासन द्वारा इसपर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई।  इस पर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने कोर्ट में तर्क दिया कि इतने गंभीर विषय पर कार्यवाही करने के लिए सरकार गंभीर नहीं है। आज सभी दुकानों पर खुले आम पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। गाय मर रही हैं सीवर चौक जैसी समस्याएं हो रही हैं। तर्क सुनने के बाद हाई कोर्ट (HC) ने नाराजगी दिखाते हुए शासन को आदेश दिया कि हाईकोर्ट के आदेश में शासन द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करे अन्यथा 19 सितम्बर को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव हाईकोर्ट में हाजिर होकर  स्पष्टीकरण दें।

ये भी पढ़ें – DGP का बड़ा बयान- MP में नहीं हुई मॉब लिंचिंग की घटना, ग्वालियर पुलिस की तारीफ की


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News