ग्वालियर, अतुल सक्सेना। हिन्दी का सम्मान और गौरव बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध संस्था हिंदी साहित्य भारती (Hindi Sahitya Bharti) ने अंतरराष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की है। कार्यकारिणी में देश दुनिया के बहुत से ऐसे बुद्धिजीवियों और राष्ट्रप्रेमियों को शामिल किया गया है जो हिंदी से प्यार करते हैं उसका आदर करते हैं। विशेष बात ये है कि हिंदी साहित्य भारती की अंतरराष्ट्रीय कार्यकारिणी में मध्यप्रदेश के भी तीन लोगों को स्थान मिला है।
हिंदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार दिलाने तथा भारत की गौरवशाली साहित्य एवं सांस्कृतिक चेतना को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित कराने के उद्देश्य से स्थापित अंतरराष्ट्रीय संस्था हिंदी साहित्य भारती (Hindi Sahitya Bharti) की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारणी की घोषणा संस्था के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार व उत्तरप्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री रविन्द्र शुक्ल ने नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की।
नई दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता के साथ ही हिंदी साहित्य भारती (Hindi Sahitya Bharti) द्वारा देश के तमाम प्रमुख शहरों एवं 32 देशों में मिलाकर भारत के सभी प्रदेशों में जिले स्तर तक पत्रकारवार्ताओं का आयोजन किया गया। रविवार को घोषित हिंदी साहित्य भारती की कार्यकारिणी में देश दुनिया के ऐसे लोगों को शामिल किया जो बुद्धिजीवी है और हिंदी सहित राष्ट्र से प्यार करते हैं।
हिंदी साहित्य भारती की घोषित कार्यकारिणी मध्यप्रदेश के लिए भी गौरव और खुशी का क्षण लेकर आई है। इस कार्यकारिणीं में वरिष्ठ समाजसेवी व हरियाणा के पूर्व राज्यपाल ग्वालियर निवासी प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया हैं इसके साथ ही ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं स्वदेश के पूर्व संपादक प्रवीण दुबे को मीडिया संयोजक बनाया गया है। कार्यकारिणी में हिंदी साहित्य अकादमी भोपाल के निदेशक विकास दवे को मुख्यालय प्रभारी के तौर पर शामिल किया गया।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....