170 किमी सायकिलिंग कर प्रभार लेने बालाघाट पहुंचे प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक

Atul Saxena
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बालाघाट, सुनील कोरे। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है, पर्यावरण सुरक्षित रहता है ये जुमले सभी ने बहुत बार लोगों को कहते सुना होगा, दीवारों पर और किताबों में लिखा देखा होगा लेकिन इसपर अमल करने वाले गिने चुने लोग ही होते हैं।  जो ना सिर्फ इसे अपनाते भी हैं और दूसरों को प्रेरित भी करते हैं।  ऐसे ही एक अधिकारी हैं प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक विकास माहुरे जिन्होंने 170 किलोमीटर साइकिलिंग कर बालाघाट में प्रभार लेने पहुंचे, वे सोमवार को प्रभार लेंगे ।

शासकीय सेवा में बड़े पदों पर हो तो वैसे ही शासन की ओर से उसे दी जाने वाली सुविधायें उसके लिए पर्याप्त होती हैं, फिर अधिकारी हो तो शासकीय वाहन तो आवश्यक है। आजकल तो अधिकारी वर्ग अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए भी शासकीय वाहन इस्तेमाल करता है, फिर वह बच्चों को स्कूल, कॉलेज छोड़ने जाना हो या फिर श्रीमती जी को बाजार जाना हो, शासकीय सुविधा का वाहन सुख मिल जाता है। लेकिन शासकीय सेवा में बड़े पदों पर रहने वाले ऐसे भी कुछ अधिकारी होते हैं जो अपने कार्यो से अपनी पहचान बनाते हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....