MP की बेटी ने बुल्गारिया में मंगोलियन को पछाड़कर जीता ब्रॉन्ज, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। बुल्गारिया के सोफ़िया शहर में हुई विश्व जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप में उज्जैन (ujjain) की रेसलर ने अपना परचम फहराया है। उज्जैन की ‘प्रियांशी प्रजापत’ ने मंगोलिया की मुंखगेरे मुंखबत को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वहीं यह कांस्य पदक 50 किग्रा भार वर्ग में मिला है। प्रियांशी प्रजापत ने कांस्य पदक जीतकर अपने शहर प्रदेश एवं देश का नाम गौरवान्वित किया।

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बता दें कि प्रियांशी प्रजापत ने कज़ाकस्तान की लौरा गानिकज़ी को 8-0 से हराया। वहीं क्वार्टरफाइनल में उन्होंने यूक्रेन की एडा केरिमोवा को 9-7 से मात दी। वहीं सेमीफाइनल में जापान की उमी इतो के हाथों तकनीकी श्रेष्ठता (10-0) के आधार पर हार मिली। हालांकि कांस्य पदक मैच में उन्होंने मंगोलिया की मुंखगेरे मुंखबत को (12-4) से हराकर अपना पहला विश्व पदक जीत कर उज्जैन और मध्यप्रदेश का नाम विश्व में गौरवान्वित किया।

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गौरतलब है कि 18 साल की प्रियांशी चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर की हैं। सबसे बड़ी बहन सृष्टि का ब्रेन हेमरेज से निधन हो चुका है। वो भी रेसलर थीं। दूसरे नंबर की बहन नूपुर भी रेसलर हैं और सभी बहनों में सबसे छोटा भाई भी पहलवानी सीख रहा है। मां हाउस वाइफ हैं। और उनकी फैमली 8×8 के दो कमरों में रहती है। पिता का ईंट भट्‌टा का व्यापार है। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है।

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प्रियांशी का कहना है कि अभी मैंने ब्रॉन्ज जीता है, मगर मेरा सपना ओलम्पिक में गोल्ड लाने का है। प्रियांशी इससे पहले खेलो इंडिया 2019 में ब्रॉन्ज, खेलो इंडिया 2020 में गोल्ड और खेलो इंडिया 2021 में गोल्ड जीत चुकी हैं। 2018 सोनीपत में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में 2 गोल्ड जीते थे। 2019 एशियन चैम्पियनशिप में हिस्सा ले चुकी हैं। अब प्रियांशी 1 सितंबर से 5 सितंबर तक केरला में होने वाला नेशनल टूर्नामेंट खेलने की तैयारी कर रही हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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