ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव प्रचार रथ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो गायब होने पर हमलावर हुई कांग्रेस पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने पूछा है कि आपके वचन पत्र से राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह कहाँ गए? अरे आप एक उंगली किसी पर उठाओगे तो चार आपकी ओर उठेंगी।
प्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनावों में अब भाजपा और कांग्रेस दोनों का प्रचार अभियान तेज हो गया है । पार्टी के बड़े और छोटे नेता जनता के बीच अपनी तारीफ और विपक्ष की बुराइयाँ गिना रहे हैं। इस बीच दोनो पार्टियों के बीच फोटो युद्ध छिड़ गया है। पिछले दिनों रवाना हुए भाजपा के चुनाव प्रचार रथ पर सिंधिया का फोटो नहीं लगा होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसा और कहा कि ” कांग्रेस में रहते चुनाव अभियान समिति प्रभारी और भाजपा में चुनाव रथ पर भी जगह नहीं।अब इज्जत कहाँ गई?
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“अपने किरदार पर डाल कर पर्दा, लोग कहते हैं जमाना खराब है”
कांग्रेस के वार पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने कहा कि जब आप एक उंगली किसी पर उठाते हो तो चार उंगलियाँ आपकी तरफ उठाजाती हैं ये हाल कांग्रेस का है। दरअसल कांग्रेस ये जवाब नहीं दे पा रही है कि दिग्विजय सिंह कहाँ और क्यों गायब हैं? वचन पत्र पर ना राहुल गांधी हैं ना दिग्विजय सिंह? उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं पर अनर्गल आरोप लगाते हैं, हमारे यहाँ की जो संगठनात्मक व्यवस्था है वो कांग्रेसियों की समझ से परे है।अग्रवाल ने कहा मुझे उनके बयानों पर एक शेर याद आता है “अपने किरदार पर डालकर पर्दा, लोग कहते हैं कि जमाना खराब है”। कांग्रेस पहले अपनी तरफ देखे। मूल विषय ये है कि भाजपा जो विकास पर चुनाव लड़ रही है और शिवराज जी का पांच महीने का विकास करने वाला शासन और कमलनाथ का 15 महीने का कुशासन , इससे ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस ये हथकंडे अपना रही है। परंतु जनता सब समझती है उसे मालूम है कि उसे वोट विकास के लिए देना है और शिवराज जी भाजपा को देना है।
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जिसके कंधे पर बैठकर सरकार बनाई उसका ही तिरस्कार
उधर भाजपा प्रवक्ता की बात पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एवं ग्वालियर चंबल संभाग के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि भाजपा ये बता दे कि उनकी सरकार तो सिंधिया के कंधे पर बैठ कर बनी है, और जिनके कंधे पर बैठकर वे मंत्री और मुख्यमंत्री बने। उस रथ के पहिये को उन्होंने क्यों तिरस्कृत कर दिया। दिग्विजय सिंह कोई पार्टी के मुखिया नहीं हैं वे पार्टी के नेता है और राहुल गांधी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की फोटो लगी है वचन पत्र पर।
बहरहाल दोनों ही पार्टिया एक दूसरे पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे, दोनों दलों के नेता हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं और मौका मिलते ही हमला कर देते हैं। अब देखना ये है कि जनता क्या फैसला करती है?