राजस्थान में एक बीमारी ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। दरअसल जोधपुर शहर कांगो बुखार (congo fever) के मामले ने लोगों में डर और चिंता का माहौल बना दिया है। जानकारी के मुताबिक इस खतरनाक बीमारी के चलते एक 51 वर्षीय महिला की मौत हो गई है, वहीं इसके चलते राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। दरअसल सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार इसके साथ ही इस जानलेवा वायरस से बचाव के लिए व्यापक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। यदि आप इस बीमारी (congo fever) के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको इसके बारे में हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं। जानिए क्या है यह बीमारी?
जानिए आखिर क्या है कांगो बुखार (congo fever)?
दरअसल कांगो बुखार, क्रिमीयन-कांगो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) के नाम से भी पहचाना जाता है। यह एक गंभीर वायरस जनित बीमारी मानी जाती है। यह बीमारी खासतौर पर संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने या संक्रमित जानवरों के खून या शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से इंसानों में फैलती है। वहीं बता दें कि कांगो बुखार को फैलाने वाले वायरस को टिक यानी घुन के जरिए इंसानों में प्रवेश मिलता है। इसके साथ ही इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गंभीर मामलों में आंतरिक और बाहरी रक्तस्राव जैसे लक्षण सामने आते हैं।
महिला की मौत हुई पुष्टि
जानकारी के अनुसार राजस्थान के जोधपुर में 51 वर्षीय महिला की मौत के चलते कांगो बुखार की दहशत और भी बढ़ गई है। दरअसल इस महिला को बुखार और कमजोरी की शिकायत के कारण अहमदाबाद के NHL म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। हालांकि, महिला की स्थिति गंभीर होने के चलते उसे विशेष निगरानी में रखा गया था। वहीं पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में किए गए टेस्ट के बाद गंभीर बीमारी की पुष्टि कि गई थी। जानकारी के अनुसार इलाज के दौरान बुधवार को महिला की मौत हो गई। वहीं इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक्शन लेते हुए सतर्कता बढ़ा दी और पूरे इलाके में इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया।
प्रशासन ने दिए दिशा निर्देश
वहीं इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि सभी प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीमें भेजी जाएं, जिससे बीमारी के प्रसार को बढ़ने से रोका जा सके। वहीं, संभावित संक्रमित मरीजों की पहचान करने और उन्हें आइसोलेशन में रखने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही सरकार ने पशुपालकों और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष सावधानी बरतने की बड़ी सलाह दी है, क्योंकि यह बीमारी अधिकतर उन लोगों को प्रभावित करती है जो जानवरों के साथ संपर्क में रहते हैं।