Domestic Violence- महिलाओं के हित में शिवराज की बड़ी घोषणा, नया कानून बनाने के निर्देश

Virendra Sharma
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भोपाल डेस्क: महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा (Domestic Violence) बर्बर घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसी दुर्दांत घटनाओं के लिए सख्त कानून बनाने की दिशा में काम करें।

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शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक वीके जौहरी सहित आला अधिकारियों की बैठक बुलाई। मुद्दा था मध्यप्रदेश में घरेलू हिंसा (Domestic Violence) की भीषणतम घटनाओं में होती वृद्धि का। दरअसल शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की थी कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं और ऐसी महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सख्त कानून जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यह भी माना था कि (Domestic Violence) ऐसे मामलों में अपराध के साथ-साथ विश्वास का भी खून होता है और विश्वास का खून अपने आप में ज्यादा बड़ा अपराध है।

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बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तीन निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि महिलाओं के हाथ पैर काटने के मामले में धारा 307 नाकाफी है और इससे भी बड़ा कानून बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। इसी के साथ ऐसे मामलों में दोषी को त्वरित कार्रवाई करके कड़ी सजा मिले ताकि समाज के सामने एक संदेश जा सके कि ऐसे अपराधियों की सजा क्या है।  मुख्यमंत्री ने छोटे-मोटे घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के मामलों में भी कड़ाई से काम करने पर जो दिया। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश में 100 महिला थाने खोले जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों भोपाल, सागर और बैतूल में हाथ काटने की घटनाओं की पीड़ित महिलाओं को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।सीएम ने कहा कि प्रदेश में मार्च माह में अंग-भंग के जघन्य अपराध से प्रभावित तीनों महिलाओं को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस तरह की महिलाएं, जो अंग भंग होने के कारण जीवन यापन करने में असमर्थ हो जाती है, उनके लिए एक वेलफेयर स्कीम चलाई जाने की दिशा में भी काम किया जाना चाहिए।

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दरअसल पिछले 15 दिनों में पूरे प्रदेश में तीन ऐसी भीषण घटनाएं घटी है जिन्होंने लोगों के दिल दहला दिए हैं। पहली घटना भोपाल की है जहां पति ने अपनी पत्नी के बाएं हाथ का पैर और दाएं हाथ का पंजा काट दिया। वजह थी के पति शराबी था और अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता था। दूसरी घटना सागर जिले में हुई जहां पर लकड़ी काटने की बात कहकर पति पत्नी को जंगल में ले गया और उसके दोनों हाथ काट दिए हुए, चेहरे पर कुल्हाड़ी से वार किया। बमुश्किल पत्नी अपनी जान बचाकर वहां से भागी और अब हमीदिया में उसका इलाज चल रहा है। तीसरी घटना बैतूल जिले की है जहां पर भी पति ने इसी तरह का बर्बर व्यवहार अपनी पत्नी से किया और अब पत्नी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में जीवन मौत से संघर्ष कर रही है।

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                         मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा था शुक्रवार को
 सीएम ने स्मार्ट सिटी के पास पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि यह सामान्य घटनाये नहीं बल्कि विश्वास की हत्या है। सात फेरे का वचन लेकर जीवन बिताने वाले पतियों ने इस तरह के कुकृत्य किए हैं जो क्षमा योग्य नहीं है। उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिए थे कि न केवल आईपीसी की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाएं बल्कि इस मामले में एक नया कानून बनाने की पहल भी की जाए। इन तीनों मामले में दोषी पतियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले चलाकर उन्हें जल्द सजा दिलाने की जरूरत पर भी शिवराज ने जोर दिया था। उनका कहना था कि घरेलू हिंसा (Domestic Violence) के नाम पर पतियों के अत्याचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

 


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